गए थे अवैध कब्जा हटाने, एसपी-एसओ हुए शहीद, 21 मरे
यूपी के मथुरा में अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस बल पर लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में मथुरा के एसपी (सिटी) मुकुल द्विवेदी और फरह के एसओ संतोष कुमार यादव शहीद हो गए है। वहीं, अभियान का विरोध कर रहे 21 लोग भी मारे गए हैं और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अतिक्रमणकारियों ने फायरिंग की थी, जिसमें दोनों पुलिस अफसरों को गोली लग गई थी। जवाहर बाग इलाके में हिंसा तब शुरू हुई जब इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के पालन में पुलिसकर्मी जवाहर बाग में अतिक्रमणकारियों को हटाने की कोशिश कर रहे थे। जवाहर बाग मथुरा शहर में सबसे बड़ा पार्क है जहां धरने के नाम पर आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही नाम के संगठन ने दो साल से सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया हुआ है।
आईजी (कानून एवं व्यवस्था) एच. आर. शर्मा ने बताया कि करीब 3000 अतिक्रमणकारियों ने पुलिस दल के मौके पर पहुंचने पर उस पर पथराव किया और फिर गोली चलाई। उन्होंने बताया कि जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर गोली चलाई। मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि टकराव में 15 अतिक्रमणकारी और 2 पुलिसकर्मी मारे गए। कब्जा हटाने गए पुलिसकर्मियों पर भीड़ की तरफ से फायरिंग की गई जिसमें एसओ फरह संतोष यादव के सिर में दो गोलियां लगीं और एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के सिर में भी गोली लगी। कहा जा रहा है कि पुलिस को मालूम नहीं था कि जवाहर बाग के अंदर लोग इतने असलहों से लेस हैं जिस कारण यह हादसा हुआ। जवाहर बाग में कार्रवाई अभी जारी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृत पुलिसकर्मियों के परिजनों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। उन्होंने एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) को मौके पर जाकर स्थिति को तत्काल काबू करने के निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश भी दिया है।
डीएम राजेश कुमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं के नेता राम वृक्ष यादव और समूह के सुरक्षा अधिकारी चंदन गौर वहां से अपने हजारों समर्थकों के साथ भाग गए। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं ने हैंड ग्रेनेड का उपयोग करने के साथ ही पेडों पर पोजिशन ले कर ऑटोमैटिक हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। डीएम ने बताया कि हैंड ग्रेनेडों तथा एलपीजी सिलिंडरों के विस्फोट से पूरे इलाके में धुआं फैल गया। इसके बाद कई झोपडों में आग लग गई। जानकारी के मुताबिक, धार्मिक संगठन के सदस्यों ने दो साल से पार्क पर कब्जा कर लिया है। कोर्ट के ऑर्डर के बावजूद वे जमीन खाली नहीं कर रहे। इससे पहले कई बार पुलिस भी कोशिश कर चुकी है लेकिन कब्जा नहीं हटा पाई।