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प्रभु की रेल सरपट दौड़ते हुए काट रही है यात्रियों की जेब

अगर आपके पास रेलवे का कंफर्म टिकट नहीं है और इमरजेंसी में यात्रा करनी है तो जेब कटवाने के लिए तैयार रहें। असल में डायनैमिक फेयर के नाम पर रेलवे अब हर सीजन में यात्रियों की जेब काटकर मुनाफा कमाने में लग गई है। जरूरत पर सुविधा, स्पेशल, प्रीमियम ट्रेनों में आपको बर्थ मिल जाएगी, लेकिन इसके लिए आपको नॉर्मल से चार गुना तक ज्यादा किराया देना होगा। पहले ऐसा फेस्टिव सीजन में होता था लेकिन अब हर सीजन की यही कहानी है।

नॉदर्न रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डायनैमिक फेयर का कंसेप्ट रेलवे की आमदनी को बढ़ाने के लिए लाया गया है।

उनका कहना है कि कुछ रेलवे रूट ऐसे हैं, जिन पर हर सीजन में बर्थ की डिमांड ज्यादा होती है।

जरूरत पर या पीक टाइम पर बहुत से यात्री दलालों के जरिये टिकट लेने में टिकट के दाम का तीन से चार गुना तक खर्च कर देते हैं।

ऐसे में यह पैसा अब रेलवे के पास ही आ रहा है। यह कंसेप्ट विमानन कंपनियों में काफी पहले से चल रहा है।

जिन रूटों पर डिमांड ज्यादा होती है और सीटें कम होती हैं, उन रूटों पर डायनैमिक फेयर ज्यादा होता है।

तत्काल टिकटों का भी 50 फीसदी कोटा इसके अंतर्गत लाया गया है। इन पर तत्काल किराये से करीब तीन गुना तक चार्ज किया जा रहा है।

हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे ने दलालों पर लगाम लगाने के लिए कई उपाय किए हैं।

डायनैमिक फेयर के कंसेप्ट के मुताबिक सुविधा और प्रीमियम जैसी ट्रेनों में हर 20 फीसदी टिकट बुकिंग के बाद किराया बढ़ा दिया जाता है।

जैसे-जैसे सीटें कम होती जाती हैं, टिकटों के दाम बढ़ते जाते हैं।

उदाहरण के तौर पर दिल्ली से गोरखपुर से दिल्ली के लिए नॉर्मली एसी 3 का किराया करीब 1100 रुपये है लेकिन इसके लिए अगले 7 से 10 दिनों के डायनैमिक फेयर 4200 रुपये तक है।

डायनैमिक फेयर की शुरुआत करीब 3000 रुपये से होती है और हर 20 फीसदी बुकिंग पर बढ़ते-बढ़ते अंतिम 20 फीसदी के लिए 4200 रुपये तक हो जाती है।

दूसरे बिजी रूट्स पर भी यही हाल है।

यात्रियों की परेशानी यह है कि उन्हें प्लेन के बराबर किराया खर्च कर मजबूरी में ट्रेन में यात्रा करनी पड़ रही है।

दिल्ली-मुंबई रूट पर प्लेन का किराया 4000 रुपये के करीब है, वहीं डायनैमिक फेयर के साथ एसी 3 का किराया इससे ज्यादा हो जाता है।

ऐसा नहीं है कि पूरी सीट के लिए ही रेलवे डायनैमिक फेयर लेती है।

कंफर्म के अलावा आरएसी सीट पर भी कंफर्म सीट के बराबर ही डायनैमिक फेयर देना होता है।

रविवार को रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बयान दिया है कि 2020 तक वेटिंग लिस्ट का प्रावधान खत्म करने की योजना है। 2020 तक सबको जरूरत पर कंफर्म सीट मिलेगी। वहीं, रेल बजट पेश करने के दौरान रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने भी कहा था कि रेलवे ऐसे उपायों पर काम कर रही है कि 2020 तक सबको बिना किसी परेशानी के ट्रेन में कंफर्म सीट मिल जाए।

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