गोपालगंज: कुख्यात मुन्ना मिश्र का रहा है 25 वर्षों का लंबा इतिहास, 1998 में किया था पहली हत्या
गोपालगंज: लगातार 25 वर्षो से अपराध की दुनिया रहने वाला कुख्यात मुन्ना मिश्र पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद अपनी स्वीकारोक्ति बयान में कई खुलासे किया है। हत्या और रंगदारी सहित कुल 30 आपराधिक मामले उस पर दर्ज है। जिसमे अधिकांशतः मामले कटेया थाना में है। 1998 में थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद में पहली हत्या कर अपराध की दुनिया मे कदम रखने के साथ ही लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता रहा है। जिसमे अपने चाचा के हत्या का मामला भी शामिल है। 2004-05 में बम बनाने के दौरान अचानक विस्फोट होने से जहां उसके एक साथी की मौत हो गई। वही मुन्ना मिश्र गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसमे उसकी एक आँख चली गई।
अपने बयान में मुन्ना मिश्र ने कबुल किया है कि सोहनारिया गांव की एक मुस्लिम लड़की आसमा खातून से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिसकी शादी उसके परिजनों ने करा दिया बाद में जेल में रहते उसके पति की हत्या करवा दी और जेल से बाहर आकर उससे शादी कर ली। आसमा खातून शादी के बाद अन्नू मिश्रा बन कर रहने लगी।
विदित हो कि विगत 24 मई को थाना क्षेत्र के जमुनहा बाजार में एक प्रमुख गिट्टी बालू व्यवसाई राजिंदर सिंह के भाई सह शिक्षक दिलीप सिंह की एके 47 से हत्या कर दी गई।जिसको लेकर कटेया थाने में कुख्यात मुन्ना मिश्र सहित 6 लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई।
गोपालगंज पुलिस द्वारा लगातार मुन्ना मिश्र की गिरफ्तारी के लिए उसके कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। लेकिन कुख्यात हाथ नहीं लगा।जिसको लेकर स्पेशल टास्क फोर्स का गठन भी किया गया था। बिहार पुलिस के खुफिया सूत्रों के अनुसार आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर कुख्यात मुन्ना मिश्र उत्तर प्रदेश में रह रहा था।बिहार पुलिस लगातार उत्तर प्रदेश की पुलिस के सहयोग से मुन्ना मिश्र की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी। जिसमे पछले 22 जुलाई को देर रात्रि पुलिस ने मुन्ना मिश्र को गिरफ़्तार करने में कामयाब हो गई।कुख्यात मुन्ना मिश्र का कागजी नाम जहाँ दिलीप मिश्र है, वही उत्तर प्रदेश में मनोज मिश्र के नाम से भी कई ठिकानों पर रह रहा था।