गोपालगंज: अपने सीने में बेटा के मौत का दर्द छुपाकर कलेक्ट्रेट गेट पर ड्यूटी निभा रहे हैं रामानंद यादव
गोपालगंज में डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट के गेट पर तैनात सिपाही रामानंद यादव अपने सीने में दर्द छुपा कर और आंखों के आंसू को रोककर ड्यूटी निभा रहे हैं। 55 वर्षीय रामानंद यादव के बेटे की आबूधाबी में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। मौत की सूचना रामानंद यादव को होली के दिन मिली। सूचना के बाद भी रामानंद यादव ने छुट्टी नहीं लिया। और वे महज 1 दिन के लिए अपने बेटे का शव लाने के लिए पटना गए। शव को घर वापस लाने के बाद रामानंद यादव ने बेटे का अंतिम संस्कार किया। और अंतिम संस्कार करते ही दोबारा ड्यूटी पर वापस लौट आए। कोरोना काल लोग उन्हें कोरोना वॉरियर्स के रूप में भी जानते हैं। मुस्तैदी से ड्यूटी निभाने वाले रामानंद यादव के सीने में बेटे की मौत का दर्द है। आंखों में जवान बेटे के गम के आंसू हैं।
सिपाही रामानंद चौधरी के मुताबिक उन्हें बस मुआवजे का इंतजार है। उनका कहना है कि उनकी बेटे चिंटू कुमार यादव की मौत आबूधाबी में नेफ़कों कंपनी में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से हो गई थी। वहां पर उनका बेटा 17 साल से स्प्रे पेंटर के रूप में काम करता था। बेटे की मौत के बाद भी न तो कंपनी के द्वारा किसी तरह का मुआवजा दिया गया। और नहीं इन्सुरेंस कंपनी ने कोई मुआवजा के लिए उनसे संपर्क किया।
रामानंद यादव को अपनी बेटी की मौत के बाद मुआवजा का इंतजार है। ताकि उनके चार पोते पोतियो का जिंदगी चल सके।