गोपालगंज में 26 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन के सफल क्रियान्वयन के लिए हुआ ड्राई रन
गोपालगंज के दूर-दराज के ग्रामीण व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अब बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए सरकार द्वारा जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में हब एंड स्कोप प्रणाली से टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिला में गुरुवार को ड्राई रन का आयोजन किया गया। जिले के 2 प्रखंडो के 26 स्वास्थ्य उपकेंद्रों व पर ड्राई रन किया गया। यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है। कोरोना जैसी महामारी में लोगों के लिए सच में यह हब संजीवनी का काम करेगी। ड्राई रन के दौरान पदाधिकारियों के द्वारा निरीक्षण भी किया गया। निरीक्षण में केयर इंडिया के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
सिविल सर्जन डा. टीएन सिंह ने बताया कि इस सुविधा के जरिये सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, बुखार, खांसी, सिर दर्द, पेट दर्द, त्वचा संबंधी बीमारी, संक्रामक रोग, शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर आदि के उपचार के लिए टेलीमेडिसिन के जरिये चिकित्सक व विशेषज्ञ से निःशुल्क परामर्श लिया जा सकता है। उन्होंने उन्होने बताया कि यदि मरीज के पास एंड्राइड एण्ड्रोइड-स्मार्ट फोन है तो वह ‘ई-संजीवनी ओपीडी एप’ को इंस्टाल करके या फिर ‘ई-संजीवनी डॉट इन’ पोर्टल पर जाकर सुविधा प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली पर संबंधित एएनएम एवं चिकित्सा पदाधिकारियों का प्रशिक्षण डेमो एप पर कराया गया है।
जिला स्वास्थ समिति के डीपीसी सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि ई संजीवनी टेलीमेडिसिन का क्रियान्वयन हब एवं स्पोक प्रणाली के रूप में होगा। इसमें मरीज पहले एएनएम के पास कॉल करेंगे। फिर एएनएम मरीज की सभी जानकारी लेकर उसे डॉक्टर के पास फारर्वड करेंगी। जिसमें समयानुसार विशेषज्ञ चिकित्सक टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को सलाह देने के लिए उपलब्ध होंगे।
डीपीसी सिद्धार्थ कुमार ने बताया ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब घर बैठे ही बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों से इलाज करा सकेंगे। मरीजों को चिकित्सीय सुविधा देने के किए स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है। इसके तहत चिकित्सकीय शिक्षा, प्रशिक्षण और इसका प्रबंधन तक शामिल हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मरीज चिकित्सकीय जानकारी भेज सकते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से रियल टाइम परिस्थितियों में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।