गोपालगंज: डीएवी हाई स्कूल में 100 बेड का बनाया गया आपदा राहत शिविर केंद्र, 31 मजदूर रखे गए
गोपालगंज: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में 21 दिनों का लॉक डाउन है। ऐसे में जो लोग अपने घरों में सुरक्षित है। वे भी सडको पर निकलने से बाज नहीं आ रहे है। लेकिन उनसे ज्यादा वे लोग परेशान है। जो दिहाड़ी मजदूरी करते थे। जहा काम कर रहे थे। वहा से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। अब उनके लिए सबसे बड़ी समस्या यह है की वे जाए तो कहा जाए। ऐसे में पश्चिम चंपारण के बेतिया से 29 मजदुर पैदल ही अपने गाँव झारखंड के गढ़वा के लिए दिए। गोपालगंज पहुचे इन मजदूरो को यादोपुर पुलिस की पहल से गोपालगंज के आपदा राहत शिविर में भर्ती कराया गया है। जहा इन्हें खाना से लेकर हेल्थ चेकअप की वयवस्था की गयी है।
झारखण्ड के गढ़वा के रहने वाले वे लोग जो दो जून की रोटी के लिए अपने घर से सैकड़ो किलोमीटर दूर बेतिया में आये हुए थे। यहाँ एल एंड टी कम्पनी के द्वारा इनसे पुल निर्माण का कार्य करवाया जा रहा था। आज पूरे देश में लॉक डाउन है। ऐसी स्थिति में सभी निर्माण कार्य ठप्प हो गए और दिहाड़ी पर काम करने वाला मजदूर वर्ग बेरोजगार हो गया है। उनके सामने पैसे कमाना तो दूर रहने और खाने के लिए भी आफत हो गया है। ऐसे में 29 मजदूरो का जत्था कल शुक्रवार की सुबह पैदल ही बेतिया से सैकड़ो किलोमीटर झारखण्ड के गढ़वा के लिए चल दिया। करीब 46 किलोमीटर की दुरी तय करने के बाद ये मजदूर जैसे ही गोपालगंज के यादोपुर थानाक्षेत्र में पहुचे। वहा यादोपुर पुलिस ने इन्हें रोक लिया। मजदूरो के मुताबिक रात को यादोपुर पुलिस के द्वारा उन्हें खाना खिलाया गया और फिर उन्हें मेडिकल चेकअप और रहने के लिए गोपालगंज के डीएवी हाई स्कूल स्थित आपदा रिलीफ कैंप में भेज दिया।
रिलीफ कैंप में रह रहे मजदूरो के मुताबिक यहाँ उन्हें रहने के लिए बेड दिया गया। उन्हें खाने के लिए दोपहर में भोजन दिया गया है और उन्हें यहाँ लॉकडाउन की स्थिति बने रहने तक रुकने की सलाह दी गयी है। उन्हें आश्वासन दिया गया है की जब स्थिति सामान्य होगी तब प्रशासन के द्वारा गाड़ी से घर वापस भेज दिया जायेगा।
डीएवी हाई स्कूल के प्राचार्य मित्रानंद आर्य के मुताबिक यहाँ 100 बेड वाला रिलीफ कैंप बनाया गया है। जहा सोशल डिस्टेन्सिंग के तहत अलग अलग दूरी पर बेड लगाये गए है। झारखण्ड के गढ़वा के रहने वाले 29 लोग सहित 31 व्यक्तिओ को रखा गया है। जिसमे एक शिवहर और एक व्यक्ति यूपी के शामिल है। यहाँ सबको रहने के साथ 8 बाथरूम बनाये गए है। जिन्हें सुबह नाश्ते में बिस्कुट और दोपहर में बारह बजे खाना दिया जा रहा है। यहाँ वैसे लोगो को रहने की व्यवस्था की गयी है जो लॉक डाउन के बाद बेघर है और उनके रहने खाने की कोई वयवस्था नहीं है।