गोपालगंज

गोपालगंज: 10 नवजातों में एक नवजात का जन्म गर्भावस्था के 37 सप्ताह से होता है पहले

गोपालगंज: गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले नवजात का जन्म प्रीटर्म बेबी की श्रेणी में आता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में प्रतिवर्ष 1.5 करोड़ प्रीटर्म बेबी जन्म लेते हैं। जिसमें सर्वाधिक प्रीटर्म बेबी का जन्म भारत में ही होता है. विश्व भर में 10 नवजातों में 1 नवजात का जन्म गर्भावस्था के 37 सप्ताह पूर्व होता है. समय से पूर्व नवजात का जन्म उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है। इसलिए ऐसे नवजातों को गहन देखभाल की अधिक जरूरत होती है।

राज्य बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. वीपी राय ने बताया कि गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पूर्व जन्म लेने नवजात को अधिक खतरा होता है। ऐसे में उन्हें गहन देखभाल की जरूरत होती है. इसको लेकर राज्य के सभी जिला अस्पतालों में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट( एसएनसीयू) बनाये गए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति के साथ वहाँ बेहतर सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है। उन्होंने बताया प्रीटर्म बेबी को तीन श्रेणियों में रखा गया है। पहली श्रेणी में ऐसे नवजात आते हैं जिनका जन्म 32 से 37 सप्ताह के बीच होता है। दूसरी श्रेणी में 28 से 32 सप्ताह के बीच एवं तीसरी श्रेणी में 28 सप्ताह से पूर्व जन्मे नवजातों को रखा जाता है। दूसरी एवं तीसरी श्रेणी के बच्चों को गहन देखभाल की जरूरत होती है। इसलिए जटिलता के आधार पर ऐसे नवजातों को चिकित्सकीय परामर्श पर एसएनसीयू रेफर किया जाता है।

प्रीटर्म बेबी में ये होते हैं लक्षण:

  • अनियमित श्वसन
  • अपरिपक्व फेफड़ा के कारण सांस लेने में तकलीफ़
  • सामान्य बच्चे की तुलना में अधिक सुस्त
  • अविकसित शरीर( शरीर में वसा की काफ़ी कमी)
  • शरीर के तापमान को बनाए रखने में असमर्थता(हाइपोथर्मिया)
  • जन्म के बाद स्तनपान करने के अक्षम
  • त्वचा के अंदर के नसों का दिखना

प्रीटर्म बेबी का रखें ऐसे ख्याल:

  1. कंगारू मदर केयर: प्रीटर्म बेबी को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इसके लिए नवजात को कंगारू मदर केयर देने की सलाह दी जाती है, जिसमें माता, पिता या कोई अन्य घर के सदस्य नवजात को अपनी छाती पर चिपकाकर रखते हैं। इस प्रक्रिया से नवजात को शरीर की ऊष्मा प्राप्त होती है एवं नवजात स्वस्थ रहता है।
  2. सामान्य से अधिक बार में करायें स्तनपान: सामान्यता शिशु को दिन भर में 8 से 10 बार स्तनपान कराने की जरूरत होती है। लेकिन प्री टर्म नवजातों को इससे अधिक बार स्तनपान कराना चाहिए। ऐसे नवजातों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। इसलिए नवजात को अधिक से अधिक बार स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। इससे नवजात को संक्रमण जैसे डायरिया एवं निमोनिया से बचाव होता है।

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