गोपालगंज

गोपालगंज मे युवा साहित्यकार नीलोत्पल के समर्थन में पंचदेवरी के युवक उतरे सड़क पर

गोपालगंज: कंधे पर गमछा रखने के कारण दिल्ली के एक होटल में जाने से रोकना, बिहार के युवा साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल के साथ भारतीय संस्कृति का अपमान बताते हुए पंचदेवरी युवा सडक पर उतर आये। गुरुवार की देर शाम प्रखंड मुख्यालय में युवक साहित्यकार नीलोत्पल के समर्थन में सड़क पर उतर आये। युवकों ने दिल्ली में गमछा का विरोध किये जाने को लेकर नाराजगी जतायी।

शिक्षाविद व साहित्यकार डॉ दुर्गाचरण पांडेय ने कहा कि गमछा का विरोध किया जाना सिर्फ बिहार का ही नहीं, बल्कि पूरे देश व संविधान का अपमान है। संविधान में वेशभूषा पर रोक नहीं लगाई गई। युवा साहित्यकार नीलोत्पल के साथ बिहार ही नहीं, पूरा देश खड़ा है, क्योंकि साहित्यकार किसी विशेष जगह का नहीं होता। वह मिट्टी की उपज होता है। गमछा का प्रयोग हमारी संस्कृति से जुड़ा है। हम अपनी संस्कृति का विरोध कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस दौरान ‘आन बान शान, गमछा हमारी पहचान, देश की पहचान गमछा हमारी शान’ आदि नारे लगाकर युवकों ने विरोध जताया। युवा साहित्यकार के समर्थन में युवकों ने आंदोलन करने की बात कही।

मौके पर हौसला प्रसाद, नंदलाल सिंह, सुनील पांडेय, अरुण कुमार, करण प्रसाद, विपिन कुमार,सुधीर कुमार, प्रमोद कुमार, विकेश कुमार, अजय, कृष्णा, मोहित, गोविंद, रमेश, नागेंद्र सहित काफी संख्या में युवक मौजूद थे।

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