गोपालगंज

गोपालगंज: जर्जर पुलिया पार कर सैकड़ो बच्चे स्कूल जाने को मजबूर, दर्जनो गांवो के लोगो की बढ़ी परेशानी

गोपालगंज के कुचायकोट में कभी जर्जर पुलिया पार कर सैकड़ो बच्चे स्कूल पढने जाते थे. आज विभागीय लापरवाही की वजह से जर्जर हो चुका पुल अब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. जिसकी वजह से कुचायकोट प्रखंड के करीब एक दर्जन गांवो के लोगो की परेशानी बढ़ गयी है. जबकि छोटे छोटे बच्चो को बरसात में भी उफनती नहर पार कर स्कूल पढने जाना पड़ता है. जो कभी भी किसी बड़े हादसे का गवाह बन सकता है.

गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड के बनतैल मठिया गाव यह क्षतिग्रस्त पुल कभी सरकारी स्कुलो के सैकड़ो बच्चे, वुजुर्ग किसान और सैकड़ो ग्रामीण इसका इस्तेमाल करते थे. लेकिन पहले से ही जर्जर यह पुल अब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. पुलिया का आधा हिस्सा नहर में टूट कर गिर गया है. जिसकी वजह से गंडक नहर के दूसरी तरफ स्कूल जाने वालो बच्चो को उफनती नहर पार कर पढने जाना पड़ता है. बच्चो के साथ साथ उनके अभिभावक भी उन्हें नहर में पानी में तैरकर दूसरी तरफ स्कूल पढने ले जाते है. जो बच्चे तैरना नहीं जानते उन्हें कई किलोमीटर की लम्बी दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ता है.

अपग्रेड मिडिल स्कूल मठिया ख़ास के प्राचार्य दरोगा मियां के मुताबिक गंडक नहर के दूसरी तरफ सरकारी विद्यालय है. आंगनबाड़ी केंद्र भी है. जिसमे बनतैल पंचायत के अलावा मठिया, मतेया, राजापुर व रामगढ़वा सहित आधा दर्जन गावो के सैकड़ो लोग प्रतिदिन इस पुलिया को पार करते थे. यहाँ स्कूल में करीब तीन सौ बच्चो का नामांकन था. लेकिन पुलिया के क्षतिग्रस्त होने की वजह से अब सिर्फ 160 बच्चो का नामांकन है. उसमे भी गिनती के बच्चे ही यहाँ पढ़ने आते है. जिसकी आसपास के सैकड़ो बच्चो का भविष्य अंधकारमय हो गया है.

गंडक नहर के आर०डी० 54 केंद्र पर बने इस पुलिया के 3 वर्ष पूर्व ही डैमेज होने से करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए थे. बावजूद इसके पुल के मरम्मती की अबतक पहल नहीं की गयी. पुल के मरम्मती और निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक से लेकर सांसद, जिला प्रभारी मंत्री और जिला प्रशासन के आलापदाधिकारियो के यहाँ गुहार लगायी. लेकिन वर्षो बाद भी इस पुल का निर्माण तो दूर मरम्मती तक नहीं हो सकी. जिसकी वजह से इस पुलिया का आधा हिस्सा टूट गया है. ग्रामीण शंकर साह के मुताबिक उनका नहर के दूसरे तरफ खेती है. स्कूल है आंगनबाड़ी है. सबकुछ बंद होने के कगार पर है. बच्चे न तो आंगनबाड़ी केंद्र जाते है और न ही पढने जाते है. खेती करना भी मुश्किल हो गया है.

सारण नहर प्रमंडल के सहायक अभियंता सूरज कुमार ने बताया की उन्होंने खुद जेई के साथ इस डैमेज ब्रिज का निरिक्षण कर इसके बगल में दुसरे पुल निर्माण को लेकर विभाग को पत्र लिखा है. उन्होंने कई माह पूर्व आला पदाधिकारियो के पास पत्र लिखकर अतिशीघ्र निर्माण की मांग की है. जैसे ही विभाग से स्वीकृति मिल जाएगी. पुल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा. सहायक अभियंता के मुताबिक इस गंडक नहर पर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के द्वारा पुल का निर्माण करना है.

अब बड़ा सवाल यह है की इस इलाके के लोग और दर्जनों गांवो के बच्चे बीते एक साल से डैमेज ब्रिज की वजह से पढाई से वंचित है. बच्चो के अंधकारमय भविष्य के लिए कौन जिम्मेदार होगा.

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