बृजनाथी हत्याकांड का मास्टरमाइंड तीन शूटर सहित छह गिरफ्तार, उद्भेदन करने वाली टीम होगी पुरस्कृत
राजधानी पुलिस ने दिन दहाड़े एके 47 से ताबडतोड़ फायरिंग कर लोजपा नेता बृजनाथी सिंह हत्याकांड का पर्दाफाश करने का दावा किया है। पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता सुनील राय उर्फ भैसिया सहित छह अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। बकौल एसएसपी मनु महराज हत्याकांड की गुत्थी काफी हद तक सुलझा ली गई है। हत्या का कारण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। साजिशकर्ता सुनील राय ने पुलिस को बताया है कि इस वर्ष होने वाले प्रखंड प्रमुख के चुनाव में उसके भाई सुबोध राय की पत्नी और बृजनाथी के भाई अमरनाथी की पत्नी उम्मीदवार होतीं। मकतूल बृजनाथी के वर्चस्व से सुबोध की पत्नी के जीतने की उम्मीद काफी कम थी। इसलिए उसने भाई सुबोध राय के साथ मिलकर बृजनाथी की हत्या करने की साजिश रची। मुन्ना सिंह और रणविजय सिंह उर्फ बबलू की बृजनाथी से पुरानी रंजिश थी। इसलिए उन्हें भी इस हत्याकांड की साजिश में शामिल किया गया।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार सत्यप्रकाश उर्फ सत्या (दीदारगंज) सुनील राय का रिश्ते में भतीजा है साथ ही बतौर बॉडीगार्ड हमेशा हथियार बंद रहता था, गोरेलाल यादव (पंडारक), बुलकन राय (मोहनपुर, राघोपुर), सुनील कुमार उर्फ भैसिया (मीना बाजार, आलमगंज) और रौशन कुमार (आलमगंज) शामिल हैं। सत्यप्रकाश उर्फ़ सत्या, बुलकन, और गोरेलाल शूटर हैं, जबकि सुनील राय साजिशकर्ता बताया जाता है। रौशन और भैसिया की भी कांड में मुख्य भूमिका रही है। हालांकि एके-47 व अन्य अत्याधुनिक असलहे की बरामदगी अब तक नहीं हो पाई है। जिनका इस्तेमाल हत्याकांड की वारदात में किया गया।
गिरफ्तार नामजद आरोपी सुनील राय वारदात के बाद झारखंड के धनबाद और रांची में लंबे समय तक छिपा था। इस बीच एक रिश्तेदार के घर शादी समारोह में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल चला गया। पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि वह बंगाल के वर्द्धमान जिले के काकसा थाना क्षेत्र स्थित रेलवे क्वार्टर में रह रहा है। इसके बाद एसआइटी ने वही से धर दबोचा।
राजधानी पुलिस द्वारा घोषित पचास हजार रुपये का ईनामी बुलकन यादव भी ब्रिजनाथी हत्या काण्ड को अंज़ाम तक पहुचाने में संलिप्त था। पुलिस ने उसे काला दियारा से गिरफ्तार किया। कुख्यात बुलकन वर्ष 2012 में खाजेकलां थाना क्षेत्र में हुई छह हत्याओं का आरोपी है। ब्रिजनाथी हत्याकांड में शामिल शूटरों को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने में उसकी अहम भूमिका रही। वही बुलकन ने ही 1998 में बृजनाथी के चचेरे भाई अरविंद सिंह की भी गोली मार कर हत्या की थी।
सुनील ने ही हत्याकांड की साज़िश 26 जनवरी यानी वारदात से लगभग दस दिन पहले बृजनाथी की हत्या की साजिश रची थी। जिसमें सुबोध, रामजनम, गोरेलाल राय, सत्या, ज्ञानी राय, राजेश कुमार, मुन्ना राय एवं दिलीप राय शामिल थे। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए रामजनम राय और मुन्ना ने ही अपने स्तर से दो एके-47 का जुगाड़ किया।
घटना वाले दिन 5 फ़रवरी को बृजनाथ सिंह जैसे ही राघोपुर से पटना के लिए रवाना हुआ, मुन्ना और रणविजय बाइक से उसका पीछा करने लगे। रुस्तमपुर के पास मुन्ना ने स्कॉर्पियो को ओवरटेक किया और साजिश के तहत भैसिया कच्ची दरगाह में पहले से मौजूद था। मुन्ना के आते ही भैसिया ने कच्ची दरगाह बाजार में तड़ातड़ हवाई फायरिंग कर दी, फायरिंग की आवाज सुन इलाके में अफरातफरी मच गई और जाम लग गया। इसी जाम में बृजनाथी की स्कॉर्पियो फंस गई और पहले से हरबे हथियार के साथ मौजूद मुन्ना, रणविजय ने एके 47 से और अन्य लोगों ज्ञानी, सत्या, सुनील व अन्य ने अत्याधुनिक असलहो से ब्रिजनाथी सिंह को निशाना बनाते हुए स्कोर्पियों को घेर कर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद सुनील राय ने भैसिया को 25 हजार रुपये दिए। पूर्व में गिरफ्तार अमरजीत उर्फ बबलू के साथ भैसिया, उसका भांजा रोशन और ज्ञानी स्विफ्ट कार से रांची चले गए। तीनो को रांची पंहुचा कर अमरजीत वापस पटना आ गया। फिलहक़ल पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चूका है।
एसआइटी में शामिल इंस्पेक्टर आनंद कुमार, दारोगा दिवाकर विश्वकर्मा, रंजीत कुमार, गुलाम मुस्तफा, सिपाही दिलीप चौधरी, पंकज कुमार सहित अन्य को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा बुलकन पर रखी ईनाम की राशि भी टीम को बतौर ईनाम दे दी जायेगी।
वही राजधानी पटना समेत पुरे सूबे में बेहद चर्चित और एके 47 जैसे असलहे से अंजाम दिए गए इस हत्याकांड में मिली अहम सफलता के बाबत वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज का कहना रहा कि हत्याकांड के लिए बड़ी चुनौती था। तीन शूटर सहित छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य अभियुक्तों और वारदात में प्रयुक्त हथियार की तलाश में छापेमारी चल रही है। उम्मीद है जल्द ही काण्ड में शामिल अन्य शूटर भी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।