गोपालगंज पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, महागठबंधन प्रत्याशी को वोट देने का किया अपील
आज देश में पिछड़ों व अतिपिछड़ों की अनदेखी हो रही है। देश के किसी भी उच्च व सर्वोच्च न्यायालय में कोई भी न्यायाधीश इस वर्ग का नहीं है। अगर न्यायिक व्यवस्था में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व होता, तो आज लालू जी जेल की सलाखों के पीछे नहीं होते। वे पांच वर्ष तक एनडीए के साथ रहकर उनका सारा खेल समझ चुके हैं। ये बातें रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को प्रखंड के गांधी स्मारक उच्च विद्यालय भोरे के परिसर में महागठबंधन के प्रत्याशी सुरेंद्र राम के पक्ष में आयोजित एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहीं।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि देश में 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, जहां एक भी प्रोफेसर पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग से नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि अपने आप को पिछड़ा समुदाय का होने का दावा करने वाले नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार ने आखिर उनके लिए किया क्या है? उन्होंने पिछड़े व अतिपिछड़े समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर आप उपेंद्र कुशवाहा को मजबूत करना चाहते हैं, तो महागठबंधन के प्रत्याशी को वोट दें। ताकि प्रदेश ही नहीं बल्कि देश तक में पिछड़ों की आवाज को बुलंद करने के साथ-साथ उन्हें उनका वास्तविक हक दिलाया जा सके। बिहार में पिछड़ों के मत व समर्थन से मुख्यमंत्री बनने वाले नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज बिहार में भाजपा को अपनी बात रखने के लिए किसी प्रवक्ता की जरूरत नहीं है। उसका यह काम मीडिया ने ही संभाल रखा है। विपक्ष के लोग जो भी बुनियादी सवाल उठाते हैं, मीडिया उसको तवज्जो नहीं देती है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर उपेंद्र कुशवाहा नहीं होता, तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनते। लेकिन उन्हें नीच कहने व पटना की सड़कों पर लाठियों से पीटवाने का काम नीतीश कुमार ने किया है।
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