तेज़ाब हत्याकाण्ड में पूर्व संसाद शहाबुद्दीन को मिली बेल !
सीवान से राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट ने सीवान के चर्चित तेजाब हत्याकांड में जमामत दे दी है। न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश की खंडपीठ ने पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत याचिका पर सभी पक्षों की दलील को सुनने बाद यह फैसला सुनाया। हालांकि शहाबुद्दीन अन्य मामलों के आरोप में अभी जेल में ही बंद रहेंगे।
सीवान में वर्ष 2004 में दो भाइयों की तेजाब से नहलाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सीवान की निचली अदालत ने शहाबुद्दीन को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस आदेश को चुनौती देते हुए शहाबुद्दीन की तरफ से पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी जिसमें जमानत की अर्जी भी दी गई थी। इसी अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को उनकी अर्जी को मंजूर कर लिया और उन्हे जमानत दे दी है।
विशेष कोर्ट के जज अजय कुमार श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शहाबुद्दीन समेत चार लोगों को स्थानीय गल्ला व्यवसायी चन्द्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चन्दा बाबू के दो पुत्रों के अपहरण के बाद तेजाब डालकर हत्या किए जाने के मामले में दोषी ठहराया था. शहाबुद्दीन को हत्या, अपहरण और षड्यंत्र (धारा 302, 201, 364 और 120 बी) में शामिल होने के आरोप में, जबकि 3 अन्य अभियुक्त शेख असलम, आरिफ उर्फ सोनू और राजकुमार साह को दोषी माना था। आरोप था कि चंद्रकेश्वर के तीन बेटों की शहाबुद्दीन ने अपहरण कर हत्या करवा दी।
सीवान जेल में बंद पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की छवि बाहुबली वाली रही है। उनपर लगभग तीन दर्जन मामले दर्ज हैं। इनमें एसपी पर गोली चलाने से लेकर हत्या तक के मामले शामिल हैं।10 शोषण के मामले हैं, अन्य 25 मामले मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहे हैं।
फिलहाल शहाबुद्दीन सीवान के पूर्व सांसद छोटेलाल गुप्ता अपहरण एवं हत्या के मामले में आजीवन कारावास, एसपी एसके सिंघल पर गोली चलाने के मामले में 10 साल की सजा और प्रतिबंधित हथियार रखने के मामले में भी 10 साल की सजा काट रहे हैं।
16 अगस्त 2004 को सीवान के व्यवसायी चंदा बाबू भूमि विवाद के निपटारे को लेकर पंचायत में थे। इसी बीच कुछ लोगों ने उन्हें मारने की धमकी दी, विवाद बढ़ा तो मारपीट हो गई। चंदा बाबू के बेटे और परिजन घर से भागने लगे और उन्होंने घर में रखे तेजाब को आक्रमणकारियों पर फेंक कर अपनी जान बचाई।।ठीक उसी दिन शहर के दो दुकानों से चंदा बाबू के दो पुत्रों गिरीश राज उर्फ निक्कू और सतीश राज उर्फ सोनू का अपहरण कर लिया गया और उनकी तेजाब से नहलाकर हत्या कर दी गई। इस मामले में चंदा बाबू की पत्नी कलावती देवी के बयान पर नागेन्द्र तिवारी व मदन शर्मा के साथ चार-पांच अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी।