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अफजल गुरु की फांसी पर बोले चिदंबरम, फैसले को बताया गलत

2001 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को लेकर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने एक बड़ा बयान दिया है।

पी.चिदंबरम ने एक समाचार पत्र को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि 2001 में संसद पर हुए हमले में अफजल गुरू की भूमिका संदेहास्पद थी और शायद इस मामले में सही ढंग से फैसला नहीं लिया गया। अफजल को UPA सरकार के दौरान फांसी दी गई थी।

चिंदबरम ने कहा कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु पर फैसला शायद ठीक नहीं था। अफजल को बिना पैरोल के उम्रकैद दी जा सकती थी। चिदंबरम ने कहा कि यह ईमानदार राय रखना मुमकिन है कि अफजल गुरू केस में शायद सही ढंग से फैसला नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए आप यह नहीं कह सकते कि कोर्ट ने गलत फैसला किया क्योंकि केस तो सरकार ने ही चलाया था। लेकिन एक आजाद शख्श यह राय तो रख ही सकता है कि इस केस में सही तरीके से फैसला नहीं लिया गया।

हालांकि जब चिदंबरम से पूछा गया कि आप भी तो उसी सरकार में हिस्सा थे, जिसने अफजल गुरु को फांसी थी दी। इस पर उनका जवाब था कि वह उस समय गृह मंत्री नहीं थे। हालांकि वह यह भी नहीं कह सकता है कि अगर उस वक्त मैं होम मिनिस्टर होता तो क्या करता।

इस दौरान उन्होंने जेएनयू छात्रों पर लगे देशद्रोह के आरोपों को भी बेतुका करार दिया। उन्होंने कहा कि फ्री स्पीच देशद्रोह नहीं है, अगर आपका भाषण बारूद की नली में चिंगारी की तरह हो, तभी आपकी बात को देशद्रोह कहा जा सकता है।

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