गोपालगंज में गेहू के पटवन के साथ ही यूरिया की किल्लत भी हुई शुरू, लग रही है लम्बी कतारे
गोपालगंज में गेहू के पटवन के साथ ही यूरिया की किल्लत भी शुरू हो गयी है. यहाँ यूरिया लेने के लिए लोगो की लम्बी कतार देखने को मिल रही है. जबकि यूरिया की किल्लत से किसान जगह जगह हंगामा भी कर रहे है. हालाकि जिला प्रशासन और कृषि विभाग के द्वारा सरकारी दर पर यूरिया की उपलब्धता कराने की भरसक कोशिश की जा रही है. लेकिन वह प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहा है. शुक्रवार को भी जिला कृषि भवन परिसर में यूरिया लेने के लिए किसानो की लम्बी कतार सुबह से ही देखने को मिली. यहाँ नोटबंदी के बाद जैसे लोग एटीएम के बाहर कतार में खड़े रहते थे. वैसे ही हालत देखने को मिल रहे है.
सदर प्रखंड के किसान राजेंद्र प्रसाद के मुताबिक वे दो सौ रूपये के प्रति घंटे के हिसाब से खेत का पटवन करवाए. पटवन के बाद खाद की जरुरत होती है. यहाँ बाजार में यूरिया की किल्लत है. वे यहाँ कृषि भवन परिसर में सरकारी दर पर यूरिया लेने के लिए तीन दिनों से चक्कर काट रहे है. लेकिन जब उनकी बारी आती है. तबतक यूरिया ख़तम हो जाता है. वे अपने खेतो का पटवन कराने के पांच दिन बाद भी यूरिया के लिए दर दर भटक रहे है. 55 वर्षीय किसान शम्भू सिंह के मुताबिक वे कई दिनों से यहाँ यूरिया के लिए आ रहे है. लेकिन चक्कर काट कर वापस लौट जा रहे है. बाजार में भी कही यूरिया उपलब्ध नहीं है. हर तरफ मारामारी है.
बता दे की इस सीजन में गोपालगंज को करीब 27 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरुरत है. जिसमे दिसम्बर तक जिले को 16732 मीट्रिक टन यूरिया की जरुरत होती है. लेकिन यहाँ सिर्फ 6793 मीट्रिक टन ही उपलब्ध हो सका है. यानि जरुरत के हिसाब से महज 25 फीसदी ही उपलब्ध हो सका है. उसी तरह रबी सीजन में जिले को 5 हजार मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता होती है. जबकि अक्टूबर से दिसम्बर तक जिले को 4089 मीट्रिक टन की आवश्यकता है. जिसके अनुरूप सिर्फ 2631 एमटी ही उपलब्ध हो सका है. वही एनपीके भी जिले को जरुरत से बहुत की कम उपलब्ध हो सका है. जिसकी वजह से यहाँ खाद की किल्लत बनी हुई है.