गोपालगंज में यूरिया की किल्लत से किसान परेशान, यूरिया की कालाबाजारी का लगाया आरोप
गोपालगंज समेत पुरे सूबे में यूरिया की किल्लत से किसान जहा खासे परेशान है. वही गोपालगंज में भी किसान औने पौने दाम में यूरिया खरीदने के लिए विवश है. जबकि जिला प्रशासन के आंकड़े के मुताबिक जरुरत के अनुपात में 30 फीसदी की यूरिया जिले में उपलब्ध हो पा रही है. जिसकी वजह से रबी की फसल यूरिया किल्लत के भेट चढ़ गए है.
गोपालगंज में रबी की फसल की बुवाई चल रही है. गेहू से लेकर दलहन और तेलहन की फसलो की बुवाई का यह अहम् समय है. इस समय में खेतो में पानी पटवन के साथ ही यूरिया की जरुरत पड़ती है. लेकिन जिले में यूरिया की किल्लत किसानो के लिए किसी आफत से कम नहीं है. यहाँ पैक्सो को खाद की बिक्री की जिम्मेदारी दी गयी है. लेकिन पैक्सो में खाद उपलब्ध ही नहीं है. जबकि किसान खुदरा दुकानों से महंगे दर पर खाद खरीद्नो को विवश है.
तिबिरवा गाँव के किसान फकरुल हसन का कहना है कि उन्होंने गेहू और सरसों की खेती की है. खेतो की सिंचाई के बाद अब खाद की किल्लत से वे परेशान है. उन्हें यूरिया के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है. यूरिया की कालाबाजारी जमकर चल रही है. फकरुल हसन के मुताबिक बाजार में तीन सौ की कीमत में मिलने वाला खाद पांच और छ सौ कीमत में मिल रहा है. उन्हें महंगे दाम पर यूरिया की खरीद कर खेती करनी पड़ रही है. मौजा तिरबिरवा गाँव के किसान रामचंद्र प्रसाद के मुताबिक उन्होंने महज दो बीघा खेत में गेहू की खेती की है. उसके लिए वे पैक्स से लेकर विभाग का चक्कर काट रहे है. लेकिन कही भी यूरिया उपलब्ध नहीं है. जो उपलब्ध है. वह भी दोगुनी कीमत में मिल रहा है.
वही इस मामले में कृषि विभाग के आंकड़े भी कम हैरान करने वाले नहीं है. जिला कृषि पदाधिकारी सुरेश प्रसाद के मुताबिक अक्टूबर से लेकर मार्च तक रबी की फसल का सीजन होता है. इस सीजन में गोपालगंज को करीब 27 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरुरत होती है. जिसमे अभी तक जिले को 16732 मीट्रिक टन यूरिया की जरुरत होती है. लेकिन यहाँ सिर्फ 6793 मीट्रिक टन ही उपलब्ध हो सका है. यानि जरुरत के हिसाब से महज 25 फीसदी ही उपलब्ध हो सका है. उसी तरह रबी सीजन में जिले को 5 हजार मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता होती है. जबकि अक्टूबर से दिसम्बर तक जिले को 4089 मीट्रिक टन की आवश्यकता है. जिसके अनुरूप सिर्फ 2631 एमटी ही उपलब्ध हो सका है. वही एनपीके भी जिले को जरुरत से बहुत की कम उपलब्ध हो सका है. जिसकी वजह से यहाँ खाद की किल्लत बनी हुई है. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश के वरीय पदाधिकारियो के मुताबिक अगले माह में जिले को कुछ यूरिया की उपलब्धता हो सकती है. जिससे खाद की कुछ कमी से निजात पाया जा सकता है.