गोपालगंज

गोपालगंज में स्थानीय ग्रामीणों ने शिक्षकों को बंधक बनाकर जमकर किया प्रदर्शन

गोपालगंज जिला के बैकुण्ठपुर प्रखंड के दिघवा दुबौली उतर पंचायत स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय दिधवा ब्रह्म टोला में स्थानीय ग्रामीणों ने शिक्षकों को बंधक बनाकर घंटों नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।

मालूम हो कि बैकुण्ठपुर प्रखंड के कुल 18 नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को भूमि सहित कई मानक पुरा नहीं होने के कारण अन्य विधालयों के साथ टैग किया गया। इसी आदेश के आलोक में उक्त विधालय के प्रधानाध्यापक शिक्षकों व बच्चों के साथ उत्क्रमित मध्य विद्यालय दिधवा में जा रहे थे कि ग्रामीणों को इसकी भनक मिलते ही सभी शिक्षकों को बंधक बनाकर स्थानीय प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया । प्रदर्शकारी अभिभावक मजिस्टर प्रसाद व दिलीप प्रसाद ने बताया कि इस विधालय में जमीन, किचेन सेड, पठन पाठन की सामग्रियां, कुर्सी टेबल, रूम सहित सभी मानकों की पूर्ति हमलोग कर चुके हैं।

उधर बैकुंठपुर प्रखण्ड के जगदीशपुर पंचायत के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर नोनिया टोला के ग्रामीणों ने भी विधालय के टैग करने के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व मुखिया भानु प्रताप सिंह ने करते हुए कहा कि हम लोग विद्यालय को किसी भी सुरत में अनयत्र टैग नहीं होने देंग यह विधालय वर्ग एक से पांच तक चालता है। छोटे छोटे बच्चे हैं, पाच शिक्षक भी है। सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध होने के बावजूद भवन निर्माण नहीं कराया जा रहा है। इसमें किसका दोष है। साथ ही यह भी कहा कि जिस विधालय से टैग किया गया है वह विधालय एस एच 90 के किनारे है जहां प्रति दिन दूर्घटना होते रहता है। हमारे बच्चों अबोध है। यहां से विधालय की दूरी भी काफी है। ऐसी स्थिति में हम सभी के पास आंदोलन के सिवाय दूसरा रास्ता नहीं है।

इस संबंध में बी ई ओ रामदयाल शर्मा सहित कई पदाधिकारियो को प्रधानाध्यापक रमेश कुमार गुप्ता ने सूचना दी किन्तु किसी पदाधिकारी ने कोई पहल नहीं किया। ग्रामीणों ने शिक्षकों को दोपहर तक बंधक बनाए रखा अंत में सी आर सी सी मुन्ना प्रसाद के समझाने बुझाने के बाद बंधक से मुक्त किया। समय रहते शिक्षा विभाग इस पर ठोस कदम नहीं उठाया है तो परिणाम कुछ भी हो सकता है।

प्रदर्शन में वशिष्ठ प्रसाद दिलीप प्रसाद मजिस्टर प्रसाद दुर्गा प्रसाद रामजनम प्रसाद कृपाल प्रसाद ददन ओझा उमाशंकर प्रसाद हीरालाल प्रसाद सीता प्रसाद, सुरेश प्रसाद जलेश्वर प्रसाद नागेन्द प्रसाद रामजतन प्रसाद प्रभू नाथ ओझा सहित सैकडों लोग थे।

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