अब बिहार में नहीं बनेंगी सड़कें ?
दरभंगा में चढ्ढा एंड चढ्ढा कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के दो इंजीनियरों की हत्या के मामले का बिहार में व्यापक असर देखा जा सकता है. माना जा रहा है कि इस घटना के बाद राज्य में काम कर रहे अन्य कंपनियां सुरक्षा की दृष्टि से कुछ कड़े फैसले ले सकती हैं.
फिलहाल ताजा अपडेट यह है कि दरभंगा में उक्त कंपनी ने अपना काम बंद कर दिया है. कंपनी को 725 करोड़ रुपये की लागत से 123 किमी के दरभंगा-समस्तीपुर-रसियारी स्टेट हाई वे का निर्माण करना था.
कंपनी के प्रमुख एपीएस चड्ढ़ा ने पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में साफ कहा है कि यह संभव नहीं है कि हमारे इंजीनियर मारे भी जाएं और हम सड़क बनाये. उन्होने सरकार से कंपनी के बेस कैंप और अन्य कर्मियों के लिए थ्री-टीयर सुरक्षा की मांग की है अन्यथा काम बंद रहेगा.
बताया जा रहा है कि इस कंपनी का अभी नार्थ बिहार की छह सड़कों को बनाने का सरकार से कॉन्ट्रैक्ट है. फिलहाल कंपनी ने सभी जगहों पर अपना काम बेद कर अपने लोगों को घर जाने का निर्देश दिया है.
अब सवाल यह है कि इस तरह आगे सभी कंपनीयां फिर अपने कर्मियों के लिए इसी तरह की सुरक्षा की मांग करेंगी. और प्रत्येक निर्माण एजेंसी को साइट से रेसिडेंस तक थ्री-टीयर सुरक्षा देना हमेशा संभव नहीं होगा.
ये भी कोई छुपी हुई बात नहीं है कि बिहार में अक्सर कंस्ट्रक्शन के काम में लगी एजेंसीयों से रंगदारी मांगी जाती है. मांग न पूरा होने की स्थिति में कर्मियों का अपहरण, मर्डर या साइट पर हमला कर जेसीबी मशीन जलाना आम बात है.
इसी तरह दरभंगा की वारदात के बाद सीएम नीतीश कुमार के सामने कई चुनौतियां हैं. अपराधियों के खौफ से अगर दरभंगा में सड़क निर्माण का काम बंद होगा, तो दूसरे स्थानों पर कार्यरत दूसरी कंपनियों में भी दहशत पैदा होगा.
ऐसी स्थिति में सरकार का मुख्य काम इन गिरोह पर शिकंजा कसना ही होना चाहिए तभी वो दरभंगा की घटना के बाद डरी कंपनियों का भरोसा जीत सकती है. नहीं तो राज्य में विकास को गति देने के लिए सड़कों के निर्माण की सरकारी कवायद को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
सीएम नीतीश की कई महत्वकांक्षी योजनाओं में एक राज्य में सड़कों का जाल बिछाना भी है. लेकिन अगर इसी तरह रंगदारी वाले गिरोह फलते-फूलते रहे तो इस काम में लगी कंपनियां अपना हाथ पीछे खिंच बिहार से पलायन कर सकती हैं.