गोपालगंज समेत पुरे देश में दिखा चांद, कल देशभर में धूमधाम से मनाई जाएगी ईद
कल पूरे भारत में धूमधाम से ईद का त्योहार मनाया जाएगा. गोपालगंज समेत पुरे देश में आज ईद का चांद देखा गया है. ईद का चाँद नज़र आते ही लोगों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है, बच्चे फूले नहीं समा रहे हैं. बाजारों की रौनक़ दोबाला हो गई है. हर आदमी एक दुसरे को ईद की मुबारकबाद देते नज़र आ रहे हैं, और ईद के लिए ज़रुरी सामान खरीदने में लगे हैं.
ईद के त्योहार के साथ ही महीने भर से चला आ रहा रमज़ान का पाक महीना भी आज खत्म हो गया. बता दें कि सउदी अरब, कतर और यूएई में ईद आज मनाई जा रही है. वहां रविवार के दिन ईद मनाने का फैसला रमजान के महीने के बाद चांद नजर आने के बाद लिया गया है.
गौरतलब है कि रमज़ान का मुबारक महीना 29 दिन पर ही ख़त्म हो रहा है, मुसलामानों में इस बात का मलाल तो है कि वह अपने साथ-साथ तमाम रोनकें और बरकतें भी ले जा रहा है. मुसलमान समुदाय पूरे रमजान माह में रोजा रखते हैं. रमजान के दिनों में रोजा रखने वाला मुसलमान सहरी और इफ्तार के दौरान ही कुछ ग्रहण करता है. इसके अलावा वह पानी तक नहीं पीता.
आपको बता दें कि इस्लाम धर्म में ईद सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. मुस्लिमों के लिए ये एक खास त्योहार होता है और वे इसका इंतजार बहुत उत्सुकता से करते हैं. मुस्लिमों के पाक महीने रमजान के आखिरी रोजा के बाद चांद देखकर ईद मनाने की परंपरा है. ईद की नमाज से जरूरमंद लोगों को दान दिया जाता है. हिजरी कैलंडर में 10वें महीने की ये पहली तारीख होती है. रमजान महीने की 27वीं रात को शब-ए-क़द्र को कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि कुरान का अवतार इसी दिन हुआ था. इसीलिए इस महीने में कुरान ज्यादा पढ़ी जाती है. हिजरी कैलेण्डर के हिसाब से ईद साल में दो बार आती है. एक ईद को ईद-उल-फितर कहा जाता है तो दूसरी ईद को ईद-उल-जुहा कहते हैं. ईद-उल-जुहा को बकरीद भी कहा जाता है.
मुस्लिम जानकारों की अगर मानें तो रमजान का पाक महीना मुसलमानों की जीवन शैली में सुधार और संतुलन बनाने में अहम है. उनका मानना है कि रमजान आपसी भाईचारे को बढ़ाता है. रमजान में सामूहिक रोजा इफ्तार के माध्यम से अपने पास-पड़ोस के लोगों के साथ बैठने का मौका मिलता है, जिससे पारस्परिक संबंधों में मजबूती आती है. रमजान के बाद ईद के दिन भी सभी लोग एक दूसरे से मिलने के लिए उनके घरों में जाते हैं. आपको बता दें कि ईद पर बनाए जाने वाले लजीज व्यंजनों में दूध और खोये का खास महत्व है, क्योंकि सेवइयों में दूध और खोया का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है.