गोपालगंज एसएमडी कॉलेज में एडमिट कार्ड नहीं मिलने से छात्रो ने की आगजनी ,पुलिस ने किया लाठी चार्ज
गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना के जलालपुर स्थित एस एम डी कॉलेज में 7000 छात्र बीए की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए एडमिट कार्ड लेने पहुँचे तो स्थिति वहां अलग ही थी . 7000 कि जगह सिर्फ 700 छात्रो का ही एडमिट कार्ड कॉलेज प्रशासन द्व्रारा प्राप्त बताया जा रहा था . जिसके बाद वहां मौजूद छात्र बेकाबू हो गए और हंगामा करने लगे . देखते ही देखते मामूली नोंक-झोंक तोड़फोड़ और आगजनी का रूप ले लिया . सुचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस को देखकर छात्र और उग्र हो गये . कुचायकोट एन एच 28 पर उनके द्वारा सड़क जाम व आगजनी अपना विरोध प्रदर्शन करने लगे जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और इस घटना से लगभग 50 की संख्या में छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये . अभी स्थिति सामान्य व नियंत्रित है .
घटना के बारे में पता चला है की जलालपुर स्थित एसएमडी कॉलेज में 7000 छात्रो ने स्नातक प्रथम वर्ष के लिए फॉर्म भरा था .लेकिन परीक्षा की तिथि विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित होने के बाद जब छात्र परीक्षा में शामिल होने के लिए अपना एडमिट कार्ड लेने के लिए [पहुँचे तो वहां सिर्फ 700 छात्रो का ही एडमिट कार्ड आया हुआ था ऐसा कोल्ल्गे प्रशासन द्वारा बताया गया . जिसके बाद छात्रो ने कॉलेज प्रशासन से इसकी शिकायत करनी चाही पर निगरानी के डर से कॉलेज निदेशक फ़रार थे और उनकी सुनने वाला कोई नहीं था . इसे देखते ही छात्र हंगामा व तोड़फोड़ करने लगे .छात्रो ने कई बेंचो व अन्य कागजातों को जला दिया गया .
सुचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुँची उन्हें देखकर छात्र और भड़क गये और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे . पुलिस इसे देखते हुए बल प्रयोग कर छात्रो को भगाने की कोशिश की पर छात्र वहां से आकर एन एच 28 पर पहुँच अपना प्रदर्शन जारी रखा और हाईवे को जाम कर आगजनी शुरू कर दिया . प्रदर्शन से गाडियों का लम्बा जमावड़ा लग गया . इसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस व रैफ की जवानों को घटनास्थल पर भेजा गया जहाँ इनके द्वारा जमकर लाठी छात्रो पर बरसाई गयी जिसमे दो दर्जन से अधिक संख्या में छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये .
जिले का यह कॉलेज शुरू से विवादों में रहा है कभी इन्टर के छात्रो का प्रवेश पत्र नहीं मिलता तो कभी स्नातक का . इसके निदेशक व प्राचार्य रामदुलार दास पर 50 लाख अनुदानित राशी के घोटाले का आरोप भी है और निगरानी द्वारा इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है . हमेशा से इस कॉलेज में सीट से ज्यादा नामांकन लिया जाता है, फिर इन छात्रों के भविष्य पर ग्रहण लग जाता है. इन्हें अपने भविष्य को बनाने के लिए पहले विरोध और फिर लाठी खाना पड़ता है . वहीं सरकार इन सभी मामलो से सीख न लेते हुए इस कॉलेज को अब तक बरक़रार राखी हुई है और अभी तक कोई ठोस कारवाई नहीं किया गया है .