सिवान भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज सिंह का आरोप, खाद व्यवसाय हत्याकांड में शहाबुद्दीन का हाथ
एक बार फिर सिवान के पूर्व MLC मनोज सिंह और वर्तमान भाजपा जिला अध्यक्ष की मुश्किलें बढती नजर आ रही है। 11 नवम्बर 2015 को सिवान के पंचरुखी के खाद व्यवसाय हरिशंकर सिंह का अपहरण कर दस टुकड़ो में काट कर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में एक सप्ताह पूर्व मृतक की पत्नी और पिता के बयान पर मनोज सिंह को आरोपी घोषित किया गया है। जिसके बाद पुलिस ने गवाहों के गवाही के जांच के आधार पर इस हत्याकाण्ड मामले में सीवान के बीजेपी जिला अध्यक्ष को अभियुक्त बनाया है और कोर्ट से गिरफ़्तारी का आदेश मांगा है। वही मनोज सिंह इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुये संलिप्तता का उचित आधार नही होने की बातें कर रहे है। मनोज सिंह ने कहा कि वैसे लोगों को गवाही पर मेरा नाम जोड़ा गया है जो खुद अपराधी है और वे लोग सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से जुड़े हुए है।
वही इस मामले में जब सिवान के भाजपा सांसद ओमप्रकाश यादव ने इस मामले को न्यायलय का हवाला देते हुए कहा कि ये न्यायलय की प्रक्रिया है इस मामले में कुछ भी कहना उचित नहीं है। वही भाजपा पार्टी पर बुरा असर भी पड़ सकता है इस मामले पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के वरीय नेता और पार्टी के पदाधिकारी तय करेंगे की आगे क्या करना है ताकि पार्टी पर कोई असर न पड़े। ।
कैसे ,कब और किस तरह की गई थी हत्या….
15 नवंबर 2015 को सुबह पचरुखी स्टेशन पर टहलने के क्रम में अपहृत हुए सिवान के व्यवसाई हरिशंकर सिंह की हत्या कर देने का मामला सामने आया था। पुलिस की जांच के बाद जो मामला सामने आया उसके मुताबिक इस अपहरण और हत्याकांड में व्यवसाई हरिशंकर सिंह के चचेरे भाई के संलिप्त होने की बात सामने आई जिसके बाद पुलिस ने गंभीरता से इस मामले में जुट गई थी । सिवान पुलिस के अनुसार हत्यारों के निशानदेही पर जामो थाना के काला डुमरा के गाँव के एक चवर से लाश बरामद किया गया था । लाश को दस टुकड़ो में काट कर जमीन में दफना दिया गया था। पुलिस इस कांड में शामिल हुए लगभग दस आरोपियों को गिरफ्तार की थी जिसमे महिला भी शामिल थी । सिवान के एसपी सौरभ कुमार साह के मुताबिक अपहरण के दूसरे दिन ही हरिशंकर सिंह की हत्या कर दी गई थी । हत्या करने के बाद शव को जामो थाना क्षेत्र में किसी सुनसान जगह पर दफना दिया गया था । गौरतलब हो कि हरिशंकर अपहरण कांड के खुलासा तथा अपराधियों की बरामदगी के लिए एसपी सौरभ कुमार साह ने विशेष टीम का गठन भी किया था। जिसके बाद ही टीम ने ये उपलब्धि हासिल की और इस मामले को प्रकाश में लाया ।