पहले वीजा नहीं मिलता था, अब सपने पूरे कर रहे हैं मोदी – केजरीवाल !
दिल्ली सचिवालय में पिछले दिनों सीबीआइ की ओर की गई छापेमारी को ‘विफल’ करार देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांगा। केजरीवाल ने यह आरोप भी लगाया कि डीडीसीए घोटाले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को ‘बचाने’ की खातिर दिल्ली सचिवालय में सीबीआइ छापेमारी कराई गई। बीते 15 दिसंबर, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर में सीबीआइ ने छापेमारी की थी, को ‘काला दिन’ करार देते हुए केजरीवाल ने मोदी पर तीखा हमला किया और उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी।
केजरीवाल ने पिछली शीला दीक्षित सरकार के दौरान अपनी आधिकारिक क्षमता का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने का आरोप झेल रहे वरिष्ठ आइएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार का भी बचाव किया। दिल्ली सचिवालय पर हुई छापेमारी से पैदा हुए हालात और दिल्ली व जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में जेटली के अध्यक्ष रहने के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार पर चर्चा के लिए विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘उन्हें (राजेंद्र को) मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। पिछले आठ दिनों में सीबीआइ को उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है। यदि मैं भ्रष्टाचार करने पर अपने मंत्री और बाबू को हटा सकता हूं, तो ईमानदार अधिकारियों का संरक्षण भी मेरा कर्तव्य है।’
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार अधिकारी गैलरी में बैठे थे। केजरीवाल ने कहा कि छापेमारी के मुद्दे पर ‘प्रधानमंत्री को शर्म आनी चाहिए।’ उन्होंने ‘10 लाख रुपए के सूट’ और विदेश यात्राओं के मुद्दे पर भी मोदी पर एक के बाद एक कई निशाने साधे। उन्होंने कहा, ‘पहले तो उन्हें वीजा मिलता नहीं था, इसलिए अब अपने सपने पूरे कर रहे हैं। जब वह शहर से बाहर रहते हैं तो दिल्ली में सब अच्छा रहता है। जब भी वह शहर वापस आते हैं, चीजें तितर-बितर हो जाती हैं।’ विधानसभा के विशेष एकदिवसीय सत्र में डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक जांच आयोग गठित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
केजरीवाल ने कहा, ‘ऐसी विफल छापेमारी और सीबीआइ के गलत इस्तेमाल के लिए मैं प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगता हूं। यदि वह किसी फाइल को हासिल करने के लिए सीबीआइ का इस्तेमाल करते हैं तो देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा। कल किसी मुख्यमंत्री पर भी छापेमारी की जा सकती है। देश के संघीय ढांचे के लिए यह खतरनाक है।’
जेटली की ओर से दायर किए गए दीवानी और आपराधिक मानहानि मुकदमे का सामना कर रहे केजरीवाल ने यह आरोप भी लगाया कि सीबीआइ खासकर वह फाइल तलाश रही थी जिसमें एक ऐसा नोट था जिससे अपराध साबित करने वाले ब्योरे मिल सकते थे। केजरीवाल ने दावा किया, ‘डीडीसीए का एक विसलब्लोअर मुझसे मिला करता था। उस अधिकारी ने मुझे बताया कि डीडीसीए अधिकारियों की एक बैठक हुई जिसमें जेटली ने उन्हें बताया कि एसएफआइओ के बारे में चिंता न करें क्योंकि वह उससे निपट लेंगे।’
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘उन्होंने (जेटली ने) कहा कि वह दिल्ली पुलिस के पास आने वाले मुकदमों को रद्द कराना सुनिश्चित करेंगे और यदि ‘आप’ जांच आयोग का गठन करती है तो अपने ‘खास आदमी’ उप-राज्यपाल के जरिए उसे अमान्य करार दिला देंगे । यह उस फाइल में लिखा था।’