प्रसव पीड़िता के पेट में छोड़ा तौलिया, डॉक्टर गिरफ्तार
साहेबगंज थाना क्षेत्र के दोषपुर ग्राम निवासी सकीन्द्र महतो की प्रसव पीड़िता पत्नी रीमा देवी के ऑपरेशन के दौरान उसके पेट में तौलिया छोड़ने का मामला सामने आया है। साहेबगंज थाना क्षेत्र के दोषपुर ग्राम निवासी सकीन्द्र महतो की प्रसव पीड़िता पत्नी रीमा देवी के ऑपरेशन के दौरान उसके पेट में तौलिया छोड़ देने के मामले में एक वर्ष पूर्व दर्ज करायी गयी शिकायत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर ब्रह्मपुरा थाना पुलिस ने शुक्रवार को जूरन छपरा रोड नम्बर दो स्थित इन्द्रप्रस्थ नर्सिंग होम के संचालक डॉ. राजेश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ऑपरेशन के दौरान प्रसव पीड़िता के पेट में तौलिया छोड़ देने के आरोपी चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार की गिरफ्तारी के लिए ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष अभिषेक रंजन ने जूरन छपरा स्थित उनके नर्सिग होम में छापेमारी भी की, परन्तु आरोपी चिकित्सक गायब मिले। पुलिस इस मामले में शुक्रवार को नर्सिंग होम के कर्मचारियों से पूछताछ कर वापस लौट गयी। इधर, मानवाधिकार आयोग की ओर से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी चिकित्सक के खिलाफ ब्रह्मपुरा थाना पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिये जाने से चिकित्सकों में खलबली मच गई है।
शुक्रवार को पूरे नगर में यह खबर चर्चा का विषय बनी रही। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 7 जुलाई 2014 को साहेबगंज थाना क्षेत्र के दोषपुर ग्राम निवासी सकीन्द्र महतो उर्फ पप्पू महतो की प्रसव पीड़िता पत्नी रीमा देवी का जूरन छपरा स्थित इंद्रप्रस्थ नर्सिंग होम में ऑपरेशन कर प्रसव कराया गया। ऑपरेशन से प्रसव पीड़िता को बच्ची हुई। शिकायत है कि ऑपरेशन के दो दिनों बाद से ही मरीज को पेट दर्द और बुखार होने लगा। परिजनों ने डॉक्टर को मरीज की स्थिति से अवगत कराया, परन्तु डॉ. राजेश कुमार ने इसे गैस की समस्या बताकर मामले को टाल दिया। मरीज की स्थिति और खराब होने पर पहले ऑपरेशन के 15 दिनों बाद रीमा देवी का पुन: ऑपरेशन किया गया, इसके बाद भी उसकी स्थिति नहीं सुधरी।
रीमा के परिजनों ने दो महीने तक एसकेएमसीएच में भी उसका इलाज कराया, परन्तु उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। अंतत: परिजनों ने थक-हारकर फरवरी 2015 में रीमा को पूर्वी चम्पारण जिले के बजरिया जानापुल चौक स्थित स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक डा. जिया उल हक से दिखाया। मरीज की जांच के बाद डा. जिया उल हक ने रीमा देवी का पुन: ऑपरेशन कर उसके पेट में पूर्व के डॉक्टर द्वारा छोड़े गये तौलिये को निकाला। इसी के बाद डा। राजेश कुमार की ऑपरेशन के दौरान बरती गई पता चला कि डा। राजेश ने ऑपरेशन के दौरान तौलिया पीड़िता के पेट में ही छोड़ दिया था।
मरीज के पेट में 7 महीने तक तौलिया रह जाने से उसकी आंत क्षतिग्रस्त हो गई और पेट से मवाद निकलने लगा था। मोटी रकम लेकर दो बार ऑपरेशन करने के बाद भी मरीज की स्थिति में सुधार नहीं होने और डा। राजेश द्वारा ऑपरेशन के दौरान पेट में तौलिया छोड़कर मरीज की जिन्दगी से खिलवाड़ करने का मामला सामने आने के बाद पीड़िता के परिजनों ने इस मामले की लिखित शिकायत मानवाधिकार आयोग से करते हुए न्याय की गुहार लगाई। इस शिकायत के आलोक में मानवाधिकार आयोग ने अपने स्तर से पूरे मामले की जांच कर डॉ. राजेश पर लगाये गये आरोप को सही पाते हुए ब्रह्मपुरा थाना पुलिस को आरोपित चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया।
आयोग के निर्देश के आलोक में ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष अभिषेक रंजन ने गुरुवार को साहेबगंज पहुंचकर पीड़िता का बयान कलमबंद किया और शुक्रवार को ब्रह्मपुरा पुलिस ने डॉ. राजेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने आरोपी चिकित्सक की गिरफ्तारी के लिए उनके नर्सिंग होम में छापेमारी भी की, परन्तु आरोपित चिकित्सक गायब मिले।