दरभंगा के पारस अस्पताल की लापरवाही से गई मरीज़ की जान
दरभंगा: शहर में निजी अस्पतालों की मनमर्जी के सामने लोगो की जान की कोई कीमत नही है शायद। पैसे के सामने मानवता की कोई कीमत नही है। गत 25 जनवरी को हुए स्कूल बस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल ड्राइवर ब्रजभूषण तिवारी की आज शाम मौत हो गयी। दो दिन पूर्व उन्हें शहर के अल्लपट्टी स्थित पारस हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया था। परिजनों का आरोप है कि गम्भीर हालत में रहते हुए भी उन्हें हॉस्पिटल द्वारा जबरन डिस्चार्ज किया गया। परिजनों ने बताया श्री तिवारी को कभी होश आता था और फिर बेहोश हो जाते थे। ऐसे में उन्होंने डिस्चार्ज करने से मना किया तो उन्हें अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्कूल प्रबंधन के द्वारा डिस्चार्ज के दवाब का नाम बोला गया। इस प्रकार श्री तिवारी को जबरन डिस्चार्ज किया गया और आज शाम उनकी मौत हो गयी।
इस पर स्कूल संचालक डा0 बी के मिश्रा ने कहा कि अस्पताल का आरोप बिलकुल निराधार है। उन्हें डिस्चार्ज की जानकारी भी नही है। अभी तक पारस ने उन्हें बिल भी नही भेजा है जिससे उन्हें यही पता है कि अभी तक श्री तिवारी का इलाज़ चल रहा है। यदि अस्पताल प्रबंधन से नही संभल रहा था तो उन्हें रेफर करना चाहिये था न कि डिस्चार्ज। यह पूरी तरह से अस्पताल की लापरवाही है।