आनंद विहार से गोरखपुर के बीच हमसफर ट्रेन शुक्रवार से हो रही है शुरू
शुक्रवार से देशवासियों को हमसफर ट्रेन के जरिए शाही सफर करने का मौका मिलेगा। रेलवे की पहली हमसफर ट्रेन आनंद विहार से गोरखपुर के बीच शुरू हो रही है। यह ट्रेन आनंद विहार से बुधवार और शुक्रवार को चलेगी। इस ट्रेन में कई फैसेलिटीज है, लेकिन किराया भी दूसरी ट्रेनों से ज्यादा है। इन ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू होगा, यानी जैसे-जैसे सीटें कम बचेंगी किराया बढ़ता जाएगा। इस ट्रेन में सभी कोच AC-3 होंगे। इस ट्रेन के अंदर जीपीएस सिस्टम लगा होगा जो यात्रियों को उनके स्टेशन के बारे में जानकारी देता रहेगा। साथ ही मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग प्वाइंट्स की भी व्यवस्था की गई है। हमसफर ट्रेन में लगेज के लिए भी हवाई जहाज की तरह व्यवस्था की गई है। सफर के दौरान यदि किसी यात्री ने धूमपान किया तो कोच में सायरन खुद बज उठेगा। इतना ही नहीं ऑटोमेटिक परफ्यूम स्प्रे सफर को सुगंधमय बनाए रखेगा।
हमसफर ट्रेन के रंग में बदलाव किया गया है। इस ट्रेन में स्टेनलैस स्टील डिस्क ब्रेक, धातु पैड और इलेक्ट्रो न्यूमेटिक युक्त ब्रेक सिस्टम होगा। इस ट्रेन के डिब्बों को रंग चीते वाला दिया गया है। ट्रेन के एक कोच में 72 सीटें होगी। कोच में ऑटोमेटिक दारवाजे होंगे, जो 5 किमी की स्पीड पकड़ते ही यह खुद-ब-खुद बंद हो जाएंगे। ट्रेन में आपको एक छोटी पैंट्री, ओवन और फ्रिज की सुविधा भी दी जाएगी। इतना ही नहीं ट्रेन की सीट भी यात्रियों के आराम को ध्यान में रखते हुए अन्य गाड़ियों की तुलना में ज्यादा आरामदायक बनाई गई हैं। ट्रेन में एसी थ्री टायर कोच होंगे। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। ब्लाइंड्स की सुविधा के लिए इंटीग्रेटेड ब्रेल डिस्प्ले भी लगा है। ट्रेन की स्पीड 100 से 110 किमी प्रति घंटे की रखी जाएगी। हमसफर ट्रेन में दूसरी ट्रेनों के AC-3 कोचों से फैसेलिटी ज्यादा हैं, इसी वजह से इस ट्रेन में नॉर्मल मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के AC-3 कोचों से ज्यादा बेस फेयर देना होगा। एक सीनियर रेलवे अफसर के मुताबिक, नॉर्मल AC कोचों की तुलना में माडर्न फैसेलिटी वाले इन कोचों की निर्माण लागत ज्यादा है। ऐसे में स्पेशल फेयर्स रखे गए हैं। एविएशन सेक्टर की तरह रेलवे ने भी कई ट्रेन में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की शुरूआत की है। इस सिस्टम में जैसे-जैसे ट्रेनों में सीटें भरती जाती हैं, उसके किराए में उतनी ज्यादा बढ़ोतरी होती जाती है।