गोपालगंज शहर को जाम से नहीं मिल रही निजात
गोपालगंज शहर में अतिक्रमण की समस्या दिन-प्रतिदिन विकराल रूप धारण करती जा रही है आम लोगों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रतिदिन जाम की समस्या से लोग हलकान होते हैं. सबसे ताज्जूब की बात यह है कि प्रतिदिन लोग जाम की समस्या से जूझते हैं लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है.
सबसे अधिक परेशानी लोगों को जंगलिया मोड़, कचहरी रोड, मेन रोड, पुरानी चौक रोड में होती है. जहां लोगों को पैदल चलने में भी भारी मशक्कत करनी पड़ती है. अक्सर शहर के जंगलिया मोड़ से लेकर पोस्ट ऑफिस चौक तक महाजाम देखने को मिलता है.
जिला प्रशासन अतिक्रमण मुक्त गोपालगंज का भले ही लाख दावा कर ले लेकिन आज तक इस समस्या के निदान की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी है. अतिक्रमण की समस्या लोगों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है. गोपालगंज शहर आए दिन अतिक्रमण का शिकार होता रहा है. यहां की हर सड़कें साइकिल, बाइक, ठेला और रिक्शा के आवागमन से पूर्णत: अतिक्रमित रहता है. जिसके चलते प्रतिदिन लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है.
शहर में विकराल होती जा रही महाजाम की स्थिति से शहरवासी और दूर-दराज से आने वाले जरूरतमंदों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. कई बार महाजाम में फंसने से मरीजों की स्थिति और भी गंभीर हो जाती है. स्कूल एवं कोचिंग जाने वाले छात्र-छात्राएं अपनी साइकिल का भरपूर उपयोग नहीं कर पाते हैं. मजबूरन जाम में पैदल ही लंबी दूरी तय करना पड़ता है.
खास कर चंद्रगोखुलरोड से मेन रोड तक सड़क के दोनों तरफ अनधिकृत रूप से वाहनों की पार्किंग से घंटों जाम लगा रहता है. सड़क के दोनों तरफ फुटकर और खुदरा विक्रेताओं के कारण तो और जाम लग जाता है. दरअसल सड़क के दोनों तरफ तीन मंजिला इमारतों में कई तरह के दुकानें, मॉल एवं बैंक संचालित किये जा रहे हैं, लेकिन इन प्रतिष्ठानों के द्वारा पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. यहां तक कि खुद प्रतिष्ठान के संचालकों की भी गाड़ी सड़क पर ही पार्क की जाती है. गोपालगंज शहर के बाजार पहुंचने वाले ग्राहक भी सड़क पर ही अपनी गाड़ी पार्क कर समान की खरीदारी में लग जाते हैं. जिससे यहां प्रतिदिन जाम की समस्या से लोग घंटों जूझते हैं.
जिला प्रशासन इस सवाल पर कई बार गंभीर हुई है. कई तरह के निर्देश भी दिये गये. अभियान भी चलाया गया, लेकिन उक्त अभियान आज तक कारगर नहीं हो पाया है. संतोषजनक ट्रैफिक व्यवस्था नहीं रहने से परिणाम ढाक के तीन पात वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है.
शहर में अतिक्रमण हटाने की पहल की अगर बात करें तो गोपालगंज जिला प्रशासन के द्वारा लाठी-डंडा भांज कर जाम हटाने का समय-समय पर प्रयास किया जाता है लेकिन यह प्रयास स्थायी नहीं रह पाता है. अतिक्रमण हटाओ अभियान के महज कुछ घंटे बाद ही पुन: वहीं दृश्य दिखाई पड़ने लगता है. स्थानीय सूत्रों की मानें तो गोपालगंज शहर में सबसे पहले पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य करनी होगी. शहर में प्रत्येक दिन खुल रहे बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों के संचालकों को भी पार्किंग को लेकर कड़ा निर्देश देना होगा.