बिहार सरकार शराबबंदी से हुए घाटे की भरपाई करेगी गाड़ियों पर टैक्स बढ़ा कर
कल कैबिनेट के बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी के बाद राजस्व में कमी को ध्यान में रखते हुए कई तरह के टैक्स संसोधन क्या है जिससे आम आदमी पर इसका बोझ बढेगा. महागठबंधन सरकार ने इस बात का फैसला लिया है जिसमे दो पहिया वाहन और चार पहिए वाहनों के लिए एक टैक्स स्लैब का प्रावधान किया गया है,जिसके कारण से इन वाहनों के कीमतों में वृद्धि हो जायेगी.
वो लोग गाड़ी जो नै गाड़ी खरीदने के बारे में सोच रहें होगे उनके लिए यह निराशाजनक खबर है क्युकि राज्य सरकार ने टैक्स बढ़ा कर गाड़ियों पर लगने वाला टैक्स स्लैब को एक समान कर दिया है. इस नए टैक्स स्लैब के मुताबिक हर गाड़ी के लिए एक तरह का टैक्स निर्धारित किया गया है, दो चक्के हो या चार, आठ लाख से कम कीमत के गाड़ियों पर अब से 7 प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ेगा मालूम हो की यह टैक्स सरकार वैट के अलावा वसुलेगी.
इसके अलावा जिन वाहनों कि कीमत 8 लाख से अधिक है उन पर अब से उपभोक्ताओ को 12 प्रतिशत का टैक्स चुकाना पड़ेगा. सीएम नीतिश कुमार के शराबबंदी के फैसले के बाद बिहार सरकार के राजकीय राजस्व में लगभग 5000 करोड़ की कमी हुई है, इस नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार द्वारा गाड़ियों के कीमतों में वृद्धि किया गया है. हालाकि इस बात पर परिवहन विभाग ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि गाड़ियों के बिक्री और प्रदुषण में भारी बढ़ोतरी को लेकर यह फैसला लिया गया है. सरकार द्वारा टैक्स मे वृद्धि बिहार मोटरवाहन करारोपण अधिनियम 1994 की धारा 7(1) को संसोधित कर किया है टैक्स वृद्धि इसके पहले 2012 में हुआ था.
गौरतलब है कि शराबबंदी के बाद टैक्स में वृद्धि को लेकर लोग आशंकित थे पर इतना ज्यादा टैक्स किसी ने सोचा नहीं था, मोटर वाहनों से संबंधित शुल्कों में चार गुनी बढ़ोतरी की गयी है. अब शुल्कों में बढ़ोतरी के कारण प्रदेश में सभी दोपहिया, चारपहिया और बड़े वाहनों को रखना और किराये पर चलाना महंगा हो गया है. लर्निंग लाइसेंस का शुल्क 40 से बढ़ा कर डेढ़ सौ रुपये कर दिया गया है, गाड़ियों के अस्थायी रजिस्ट्रेशन के लिए अब 20 रुपये की जगह 490 रुपये देने होंगे. इसके अलावा लग्जरी सामानों पर 13.5 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया है.