नोट बदलने के लिए बैंकों व डाकघरों में उमड़े लोग, अव्यवस्था फैली
पूरे देश में बैंकों और डाकघरों पर गुरुवार को लोगों का मेला जैसा लग गया. मोदी सरकार द्वारा मंगलवार रात 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा करने के बाद गुरुवार को दोबारा खुले बैंको में इन नोटों को बदलवाने के लिए भीड़ टूट पड़ी.
प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद 36 घंटे के इंतजार के बाद लाखों बेचैन लोग गुरुवार सुबह नोटों को बदलने के लिए बैंकों और डाकघरों के खुलने के पहले ही इनके सामने कतार में लग गए. लोग सुबह 6 बजे से ही पोस्ट ऑफिस और बैंकों के सामने कतार में लग गए. कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम भी करने पड़े.
नोटबंदी की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में लोग परेशान दिखे. मोदी सरकार द्वारा मंगलवार रात 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा के बाद गुरुवार को बैंक खुले. गोपालगंज में बैंकों के सामने सुबह सात बजे से ही लंबी लाइनें लग गईं. ज्यादातर लोगों को यह नहीं मालूम था कि क्या करना है. बरौली निवासी अजय राज ने बताया, पिछले हफ्ते करीब दो लाख लोन लिया था घर बनवाने के लिए. मुझे लगा था कि वह पैसा बर्बाद हो जाएगा, लेकिन सुना है कि बदल जाएगा. अगर बदल लेंगे तो ठीक है, वरना तो मैं तो लुट जाउंगा.’
बैंकों के गेट बंद थे. वॉचमैन एक-एक व्यक्ति को अंदर जाने दे रहे थे. कई बार लोगों ने अंदर घुसने के लिए धक्का मुक्की भी की.
एक्सिस बैंक की शाखा जब सुबह आठ बजे खुली तो इसके सेल्स एक्जिक्यूटिव बैंक के बाहर ग्राहकों को पैसे निकालने वाले फॉर्म बांटने के लिए खड़े थे. उन्होंने बताया, ‘जब मैं कार्यालय पहुंचा तो पहले से भीड़ मौजूद थी. अब हम पूरी क्षमता से अपना काम कर रहे हैं और बैंक के अंदर अभी भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं.’
रुपये बदलने और जमा करने आए एक ग्राहक ने बताया, ‘मैं पिछले एक घंटे से कतार में खड़ा हूं. मैं सुबह नौ बजे आया था, मुझे लगता है कि और जल्दी आना चाहिए था.’ अधिकांश बैंकों ने फॉर्म भरने और अन्य निर्देशों संबंधित बातों के संबंध में लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए कर्मचारियों को गेट के बाहर तैनात कर रखा था.