गोपालगंज: मनुष्य जैसा कर्म करता है ठीक उसी के हिसाब से वह सुख व दु:ख को प्राप्त करता है
गोपालगंज: मनुष्य अपने पाप कर्मों के कारण ही दु:खी होता है। जैसा वह कर्म करता है , ठीक उसी के हिसाब से वह सुख व दु:ख को प्राप्त करता है, उक्त बातें पंचदेवरी के भगवती नगर में सन्त श्री रामजी दास महाराज के सानिध्य में नौ दिवसीय विष्णु महायज्ञ के चौथे दिन प्रसिद्ध रामकथा वाचक पं बीरेंद्र तिवारी ने अपने प्रवचन के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि जीवन में संगति का महत्वपूर्ण भूमिका होता है। मनुष्य जैसा संग करता है वैसे ही उसपर रंग चढ़ता है। दुर्योधन शकुनी का संग करके आजीवन दु:खी व पराजित हुआ। वहीं अर्जून ने कृष्ण का संग करके विजय श्री को प्राप्त किया। उन्होंने संत सहजोबाई के एक पंक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘सहजो साधु संग से काग हंस हो जाए,तज के भक्ष अभक्ष को मोती चुग खाए’ यानी बूरे संगति को प्राप्त कर मनुष्य बिगड़ जाता है परन्तु कितना भी बिगड़ा हुआ मनुष्य क्यों न हो,अगर साधु की संगति को प्राप्त कर ले तो उसके जीवन में परिवर्तन आ जाता है। पं बीरेंद्र तिवारी ने कहा कि अंगुलीमाल जैसे डाकू भी गौतम बुद्ध का सानिध्य पाकर बदल गया। उसके जीवन में बदलाव आया। वह संगति का ही परिणाम था। उन्होंने कहा कि सत्संग दो शब्दों से बना हुआ है सत्य तथा संग बराबर सत्संग यानी परमात्मा का संग करना ही सत्संग है। जीवन में जब एक श्रोत्रिय बह्मनिष्ठ पूर्ण सद्गुरू का आगमन होता है तो दिव्य रूप का साक्षात्कार होता है।
इधर,प्रवचन कार्यक्रम में महिलाओं की काफी भीड़ उमड़ रही है। प्रवचन स्थल पर महिला श्रद्धालुओं और पुरूष के लिए अलग इंतजाम किए गए है। प्रवचन में आस-पास की गांव की हजारों महिलाएं और पुरूष पहुंच रहे है !!