गोपालगंज: पंचतत्व में विलीन हुए शहीद दीपक, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी हजारों लोगों की भीड़
गोपालगंज: लद्दाख के लेह में शहीद हुए एनएसजी कमांडो दीपक कुमार सिंह का तिरंगे में लिपटा हुआ पार्थिव शरीर गोपालगंज पहुंचते ही कोहराम मच गया। ताबूक में पार्थिव शरीर को बरौली थाने के भड़कुंइया गांव में लाया गया। जहां सैन्य सम्मान और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी। लोग जय हिंद, वंदे मातरम्, भारत माता की जय, वीर सपूत दीपक सिंह अमर रहे, के नारे लगाये जा रहे थे।
लद्दाख के लेह में शहीद हुए एनएसजी कमांडो दीपक कुमार का पार्थिव शरीर चौथे दिन शनिवार को तिरंगे में लिपटकर गोपालगंज पहुंचा। बरौली थाने के भड़कुंइया गांव में पार्थिव शरीर को लाया गया, जहां श्रद्धांजलि देने के लिए 20 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटी हुई है। वहीं, इलाके के व्यवसायियों ने शहादत के सम्मान में अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी है। पूरे बाजार के रास्ते में जय हिंद, वंदे मातरम्, भारत माता की जय, वीर सपूत दीपक सिंह अमर रहे, के नारे लगाये जा रहे हैं। वहीं, अंतिम विदाई सैन्य सम्मान के साथ देने के लिए दानापुर पटना से सेना की टुकड़ी पहुंची थी।
बता दे की बीते चार जनवरी की सुबह लद्दाख के लेह में भारी बर्फबारी हो रही थी। कैंप से कार चलाकर प्रहलाद सिंह के पुत्र दीपक सिंह ट्रेनिंग कैंप जा रहे थे, उनके साथ चार अन्य जवान भी कार में सवार थे। अचानक बर्फबारी की वजह से कार दुर्घटनाग्रस्त हो गयी गहरे खाई में जा गिरी, जिसमें दीपक सिंह की मौत हो गयी थी।
दीपक का व्यक्तित्व साधारण और मिलनसार थे। मौत होने के बाद बरौली में हर तरफ मायूसी है। शहीद जवान के भाई विनोद सिंह ने बताया कि दीपक कुमार 2011 में देश सेवा में एन एस सी जवान बना था। उनकी शादी 2014 में पूर्वी चंपारण के चकिया प्रखंड के माधोपुर छपरा गांव में माधुरी के साथ शादी हुई थी। एक बच्ची आराध्या है, पिछले नवंबर तक उनकी ड्यूटी अमरनाथ में थी, अमरनाथ से हटने के बाद वे घर आये थे. इसके बाद उनकी तैनाती लेह में थी।