गोपालगंज

गोपालगंज: अब पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु का ब्योरा आनलाइन होगा दर्ज, कारणों की होगी समीक्षा

गोपालगंज: अब शून्य से पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु का ब्योरा आनलाइन पोर्टल पर दजॅ होगा। अभी तक राज्य में शिशु मृत्युदर समीक्षा की रिपोर्ट मैन्युअल दर्ज किया जा रहा था। शिशु मृत्यु की समीक्षा रिपोर्ट अब आनलाइन पोटॅल पर दर्ज किया जाएगा। आनलाइन समीक्षा रिपोर्ट दजॅ होने के बाद शिशु मृत्यु की समीक्षा व कारणों को पता लगाने में सहूलियत होगी। इस नई पहल को जिलों में शुरुआत कर दिया गया है। जिसका आने वाले दिनों में बेहतर परिणाम देखने को मिलने लगेगा।

एमपीसीडीएसआर सॉफ्टवेयर किया गया है विकसित: स्वास्थ्य विभाग शिशुः मृत्युदर की समीक्षा रिपोर्ट प्रक्रिया को सुगम और सरल बनाने के लिए डिजिटाइलेशन पर विशेष जोर दे रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ससमय समीक्षा कर उसका त्वरित निष्पादन करने में भी होगी। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्य स्तर पर शिशु मृत्युदर की समीक्षा को मैटरनल पेरिनेटल एंड चाइल्ड सर्विलांस रेस्पोंस सॉफ्टवेर यानी एमपीसीडीएसआर सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है।

जिलों को किया गया है प्रशिक्षित: विभाग राज्य स्तर पर शिशु मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट पोटॅल पर आनलाइन अपलोड करने के लिए जून माह में दो बैच में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था। जिसमें राज्य के सभी जिलों के स्वास्थ्य संस्थानों व मेडिकल कालेजों के स्वास्थ्य अधिकारी व ककर्मियों को प्रशिक्षित किया गया था। प्रशिक्षण के दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मी एवं अधिकारियों को आनलाइन पोटॅल पर डाटा इंट्री से संबंधित विभिन्न प्रकार के तकनीक की विशेष जानकारी दी गयी है। ताकि डाटा अपलोड के दरम्यान आने वाली परेशानियों को दूर किया जा सके। साथ ही प्रशिक्षण के बाद शिशु मृत्यु संबंधित बीमारियों का पता लगा उसके ससमय इलाज कराना सुनिश्चित किया गया है। जिसका सकारात्मक परिणाम शिशु मृत्युदर की संख्या में कमी लाने में काफी अहम साबित होगा।

शिशु मृत्यु दर में आ रही कमी: एसआरएस-वर्ष 2020 के अनुसार बिहार के शिशु मृत्यु दर में 2 अंकों की कमी आई है। राज्य की शिशु मृत्यु दर घटकर 27 हो गयी है। वहीं, देश का शिशु मृत्यु दर 28 हुआ जो बिहार के शिशु मृत्यु दरसे 1 अंक अधिक है। विगत पाँच सालों से बिहार के शिशु मृत्यु दर में निरंतर कमी आ रही है। वर्ष 2015 में राज्य की शिशु मृत्यु दर 42 थी जो 2016 में घटकर 38 हुयी। वर्ष 2016 में बिहार की शिशु मृत्यु दर 38 थी जो 2017 में घटकर 35 हुयी। वहीं, 2018 में भी 2017 की तुलना में शिशु मृत्यु दर 3 अंक घटकर 32 हुआ। यह सिलसिला वर्ष 2019 में भी जारी रहा। वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में शिशु मृत्यु दर 3 अंक घटकर 29 हो गया।

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