गोपालगंज

गोपालगंज: शोभा की बस्तु बना शहीद त्रिदेव के नाम से बना शहीद स्मारक, प्रशासन नहीं लेता है सुध

गोपालगंज: पूरा देश आजादी के 75वें अमृत महोत्सव मना रहा है। तिरंगा उत्सव से लेकर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। लोगों का उत्साह चरम पर है। पंचदेवरी प्रखंड के जमुनहां बाजार स्थित शहीद स्मारक इन उत्सव में गुम हो गया है। वह अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। अतिक्रमण का शिकार शहीद स्मारक पर लिखे हुए नाम आज होते तो वह भी लज्जा जाते। सब्जी मंडी के बीचो बीच मौजूद शहीद स्मारक पर सरकारी महकमा तो दूर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी देखने तक नहीं आते हैं। राष्ट्रीय पर्व पर इन शहीदों के परिजन इस शहीद स्मारक पर माथा टेकने व सलामी देने आते हैं। उन्हें देखकर बाजार के आसपास के लोग भी इकट्ठा हो जाते हैं। इसे देखकर हर बार प्रशासन के द्वारा शहीद स्मारक का जीर्णोद्वार की बात कही जाती है। लेकिन 26 जनवरी हो या 15 अगस्त बीतने के बाद अधिकारी भूल जाते हैं।

बता दें कि पंचदेवरी प्रखण्ड के रूपी बगही निवासी आगम पाण्डेय, भृगींचक निवासी संसारी मिश्र और लामीचउर निवासी भुआल पाण्डेय ने 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में अंग्रेजी प्रशासन की नींद हराम कर रखी थी। अजादी की लड़ाई में कई बार जेल गए थे। अंग्रेजो ने तंग आकर तीन-तीन बार उनके घर को फुक दिया। लेकिन, वह वीर सपूत अंतिम सांस तक अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ जंग करते रहे। आगम पाण्डेय की पत्नी पैजनी देवी और संसारी मिश्र की पत्नी सुरत देवी ने भी आजादी की लड़ाई में पति का साथ निभाया। किशोरा वस्था में आगम पाण्डेय ने अंग्रेजो के खिलाफ विगुल फुंक दिया था। वहीं भुआल पाण्डेय ने जेल में हीं खाना और पानी के बीना तड़प जान दे दी थी। ऐसे वीर सपूतो को हमारा समाज भुलता जा हरा है। प्रशासन के अधिकारी, जनप्रतिनिधि यहां तक की इस नई पिढ़ी का युवा वर्ग यह जानता तक भी नहीं है कि इसी मिट्टी के लाल ने कभी अंग्रेजी हुकुमत की नींद हराम कर रखी थी। हैरत तो तब होती है तब राष्ट्रीय पर्वो के अवसर पर स्थानिय स्तर पर भी इन वीर सपूतों को याद नहीं किया जाता है। युवा पिढ़ी यह जानता तक नहीं है कि ये कौन थे। संसारी को लोग स्वराज भी कहा करते थे। अंग्रेजी हुकुमत स्वीकारने के लिए अंग्रेजो ने उन पर अनेको जुर्म किए। जेल में बंद कर कोड़ा बरसाए। लेकिन, हिन्दुस्तानी माटी के लाल संसारी ने अंग्रेजी हुकुमत स्वीकार नहीं किया। देश आजाद होने के बाद पंचदेवरी के इन तीनों वीर शहीदों के नाम पर दिस्म्बर 1948 में जमुनहां बाजार में एक शहीद स्मारक बनाया गया है। जो आज अपने भाग्य पर आसुं बहा रहा है।

पंचदेवरी बीडीओ मनीष कुमार श्रीवास्तव कहते है की जमुनहां बाजार स्थित शहीद स्मारक की साफ-सफाई कराते हुए अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि को बोला जा रहा है। एक से दो दिनों में पूरी व्यवस्था हो जाएगी।

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