गोपालगंज: उचकागांव के इटवा गांव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबियों के घर सीबीआई की छापेमारी
गोपालगंज: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित घोटाले में पूर्व रेलमंत्री लालू यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके लालू यादव के 17 अलग-अलग ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है। इसी क्रम में सीबीआई की टीम राजद सुम्रियो लालू प्रसाद यादव के गृह जिला गोपालगंज में भी उनके करीबी रिश्तेदारों के घर छापेमारी करने पहुंची। उचकागांव थाना क्षेत्र के इटवा गांव में सीबीआई की छापेमारी सुबह 8 बजे से ही छापेमारी कर रही थी। यह छापेमारी करीब 5 घंटो तक चली।
बताया जाता है की उचकागांव थाना क्षेत्र के इटवा गांव में लालू प्रसाद यादव के करीबी रिश्तेदार हृदयानंद यादव, देवानंद यादव और अशोक यादव के घर पर सुबह 8 बजे से ही सीबीआई टीम की छापेमारी चल रही है। बताया जा रहा है कि जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे तब ये लोग ट्रांसपोर्टर थे। सूत्रों के अनुसार इन्हीं लोगों के माध्यम से गोपालगंज के अन्य लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाई गई थी। लालू के रिशतेदारों के घर सीबीआई की छापेमारी करीब 5 घंटो तक चली। इन परिवारों के सदस्य रेलवे में भी नौकरी करते हैं। वहीं 5 घंटे तक चली छापेमारी के बाद सीबीआई की टीम दो लोगों को अपने साथ ले गयी है। सीबीआई के साथ यहां स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही। सूत्रों के अनुसार ये रिश्तेदार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी हैं। सीबीआई की इस कार्रवाई से गांव में गहमागहमी का माहौल है।
वहीं दूसरी तरफ राजद के प्रदेश महासचिव व पूर्व विधायक रेयाजुल हक राजू ने सीबीआई की छापेमारी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती नजदीकी भाजपा को बर्दास्त नहीं हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी और आरएसएस जातीय जनगणना को रोकना चाहते हैं ताकि जाति आधारित जनगणना से सही जानकारी सामने न आ जाए।