उत्तर प्रदेशदेश

समाजवादी पार्टी से सांसद रहीं ‘दस्यु सुंदरी’ फूलन की मां आज दाने-दाने को हैं मोहताज

लोकतंत्र के जिस ‘मंदिर’ में महज एक बार चुनावी अखाड़े पर कदम रखने वाला भी करोड़पति बन जाता है, परिवार व खुद की रोजमर्रा की जरूरतें तो छोड़ दीजिए, कई पुश्तों तक के लिए अच्छी-खासी रकम का इंतजाम चुटकी बजाते ही कर देता है, दस्यु जीवन की टेढ़ी-मेढ़ी गलियों से होती हुई लोकतंत्र के उसी ‘मंदिर’ तक पहुंचकर भी अपना सबकुछ खो बैठीं दिवंगत ‘बैंडिट क्वीन’ फूलन देवी। जी हां, वही फूलन, जिसके नाम से ही चंबल के बीहड़ का जर्रा-जर्रा कांप उठता था, जिसकी एक आवाज पर ऊंची जाति के ठेकेदारों की हड्डियां कड़कड़ाकर टूट सी जाती थीं, शेर सिंह राणा के हाथों मारे जाने के बाद आज उसकी मां दाने-दाने को मोहताज हैं। 

समाजवादी पार्टी से मिर्जापुर की 11वीं और 13वीं लोकसभा में सांसद रहीं ‘दस्यु सुंदरी’ फूलन के गांव पहुंचे जामिया मिल्लिया इस्लामिया से एमफिल कर चुके बस्ती जिजे के नकाहा गांव निवासी पत्रकार शाह आलम। अपने फेसबुक पोस्ट पर उन्होंने चंबल पहुंचने पर वहां की कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं। तस्वीरों के जरिये वहां के लोगों की परेशानियां अपने फेसबुकिया दोस्तों के साथ बांटने की कोशिश की। यह भी लिखा कि किस तरह डेढ़ रोटी के दम पर डेढ़ दिनों से चंबल के लोगों की समस्याओं का पिटारा अकेले दम पर कलमबद्ध करने में जुटे हैं वह।

इसी क्रम में अपने फेसबुक वॉल पर पत्रकार आलम ने फूलन के घर की तस्वीर भी पोस्ट की। तंग कपड़ों में लिपटी बूढ़ी मां का पूरा घर उन्होंने छान मारा पर दो किलो आटा और एक पाव प्याज के अलावा उन्हें कुछ भी नहीं मिला। दिल दहला देने वाला यह सच यकीनन हमें आश्चर्यचकित करता है। इतने दिन दस्यु और सांसद रहने के बावजूद फूलन अपने परिवार के लिए इतना भी नहीं जुटा पाईं कि उनकी जिंदगी आसानी से गुजर-बसर हो सके! अब ऐसे हालात में ‘बैंडिट क्वीन’ नाम से पूरे देश को हिलाकर रखने वाली उस फूलन के जीवन के शेष सच का अंदाजा आप-हम खुद भी लगा सकते हैं जिसके जीवन का पहला आधा सच हमने किस्से-कहानियों और उनके जीवन पर बनी फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ में पहले ही देख ली थी।

लेख पूरा करने से पूर्व वास्तविक स्वतंत्रता सेनानियों का सच उजागर करने की मुहिम पर पिछले डेढ़ दशक से निकले पत्रकार शाह आलम की इस अनथक कोशिश को मेरा सलाम। भूखे पेट साइकिल के पैडल मार-मारकर देश-दुनिया तक हमारे गांवों की सच्ची तस्वीरें पहुंचाने वाले शाह, ईश्वर आपको हर दर्द झेलने की ताकत दें ताकि ग्राउंड रिपोर्टिंग का दंभ भर एसी कमरों में बैठ सच उजागर करने वाले कई वरिष्ठ पत्रकारों को आईना देखने की हिम्मत आ जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!