रामराज में भी अपराध होते थे – बिहार डीजीपी
सूबे में सुशासन की चूले हिलती दिख रही है। लगातार अपराधी अपहरण, लूट, हत्या और डकैतियों जैसी वारदातो को अंजाम दे रहे है। खाकी का खौफ़ बिलकुल ख़त्म होता प्रतीत हो रहा है। लेकिन बिहार पुलिस के मुखिया अपराध को सीधे रामराज्य से जोड़ कर बेलगाम अपराधियों की करतूतो पर कहते है कि “रामराज में भी अपराध होते थे।” बिहार के बढ़ते आपराधिक हालात के संदर्भ को उन्होंने देश के हालात से भी जोड़ा। कहा-पूरे हिन्दुस्तान में विधि-व्यवस्था की स्थिति कितनी भी अच्छी क्यों न हो आज कोई भी अपने घर का दरवाजा खोलकर सो सकता है क्या?
बिहार के डीजीपी पी के ठाकुर पिछले दिनों नेपाल से अपहृत व्यवसायी सुरेश केडिया की रिहाई में बिहार पुलिस की बेहतर कार्रवाई पर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। प्रेस कांफ्रेंस में सुरेश केडिया के भाई रमेश केडिया भी थे। केडिया भाई की रिहाई के लिए राज्य सरकार और बिहार पुलिस को धन्यवाद देने के लिए आए थे। केडिया को 26 मई को नेपाल से अगवा किया गया था और 29 मई को मोतिहारी से बरामदगी हुई थी।प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डीजीपी से बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर सवाल पूछे गए गए तो इसपर डीजीपी ने कहा कि आंकड़ों से बिहार में बढ़ते अपराध की पुष्टि नहीं होती है।
डीजीपी द्वारा अपराध घटने के अकड़े सोमवार को पेश किया और महज चंद घंटो के अंदर हाजीपुर में एसपी दफ्तर से लौट रहे पटना के लोहा व्यवसायी की तीन बदमाशों ने हत्या कर दी। घटना गंगाब्रिज थाने से एक किलोमीटर दूरी पर हुई। वही मोतिहारी जिले में जिला परिषद् सख्या 6 की पराजित उम्मीदवार तारा नेशा को बाइक सवार अपराधियों ने हत्या कर दी।