गोपालगंज

गोपालगंज में ठंड का बढ़ता प्रकोप, शीतलहर में शिशुओं व गर्भवतियों का रखना होगा विशेष ध्यान

गोपालगंज में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है। दिनभर चलती शीतलहर से लोग काफी परेशान हैं। हालांकि, दोपहर में गुनगुनी धूप लोगों को थोड़ी राहत दे रही है, लेकिन सुबह और शाम में सर्द हवाओं से अभी कुछ और दिनों तक लोगों जूझना पड़ेगा। मौसम विभाग ने बढ़ती ठंड को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ऐसे मौसम में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। खासकर पुराने रोगी जिन्हें हाइपरटेंशन, हृदय से संबंधित बीमारी, सांस की बीमारी या डायबिटीज के मरीजों को इस मौसम में बहुत सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे लोग घर से कम ही निकला करें। साथ ही पछुआ हवा से भी बचने की कोशिश करें।

बच्चों व गर्भवतियों को ठंड से बचाव बेहद जरूरी : सिविल सर्जन डॉ. केके मिश्र ने बताया कि अभी का मौसम बीमार व कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के अनुकूल नहीं है। अभी पूरे जिले में शीतलहर और ठंड का प्रकोप है। इस तरह के मौसम में सभी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। चाहे वह गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों की बात हो या शिशुओं व गर्भवती महिलाओं की। सभी की बेहतर देखभाल परिवार के सारे लोगों की जिम्मेदारी है। विशेषकर बच्चों व गर्भवतियों को ठंड से तो बचाव करना बेहद जरूरी है। साथ ही, अन्य सावधानियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

कोहरा व शीतलहर नुकसानदायक : सीएस ने कहा कि शहरी व ग्रामीण इलाक़ों में आज कल लोग सुबह-सुबह टहलने निकल रहे हैं। जिनमें गंभीर और पुराने रोग से ग्रसित मरीज भी शामिल रहते हैं। फिलहाल सुबह में कोहरा और शीतलहर उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है। खासकर हृदय और शुगर के मरीजों के लिए तो यह बहुत ही आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मौसम में सुबह टहलने की जगह घर में ही योग या फिर व्यायाम करना उनके लिए लाभप्रद होगा। ऐसा करने से आपकी शारीरिक गतिविधियां भी पूरी हो जाएंगी और आप ठंड के प्रकोप से भी बच जाएंगे। सांस से संबंधित बीमार लोगों को तो ऐसे मौसम में बिल्कुल भी बाहर नहीं जाना चाहिए।

सोने के तीन घन्टे पूर्व करें हल्का भोजन : सर्दी के मौसम में सभी लोगों को गर्म व ताजा भोजन करना चाहिए। रात में सोने से तीन घंटे पहले हल्का भोजन कर लेना चाहिए। ताकि, शरीर पर उसका दुष्प्रभाव न उत्पन्न हो सके। अधिकतर लोग तेल मसाले युक्त भोजन अधिक करते हैं। साथ ही, इस मौसम में भोजन आसानी से पच जाने के कारण लोग मात्रा भी अधिक बढ़ा देते हैं। दोनों सूरतों में उनके लिये नुकसानदायक हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे मौसम में शारीरिक भी गतिविधियां कम हो जाती हैं और भोजन अधिक। इससे शरीर का वजन बढ़ता है। मोटापा बढ़ने से कई सारी बीमारियों की संभावना रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!