सांसद चाहते हैं दोगुनी सैलरी, मोदी ने जताया एतराज
एक ओर सांसद चाहते है कि उनकी सैलरी दोगुनी की जाएं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सांसद के वेतने बढोतरी की मांग पर ऐतराज है। मोदी ने कहा है कि अपने सैलरी पैकेज के बारे में सांसदों को खुद फैसला नहीं करना चाहिए। मोदी इसके बदले नया रास्ता सुझाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम का मानना है कि सांसदों की सैलरी का फैसला पे कमीशन या उस जैसी कोई और बॉडी करे, जो वक्त के हिसाब से इसमें बढ़ोतरी करती रहे। मोदी का सुझाव है कि सांसदों की सैलरी को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या कैबिनेट सेक्रेटरी जैसी पोस्ट की सैलरी में होने वाली बढ़ोतरी से लिंक कर देना चाहिए। पीएम के मुताबिक, सांसद इस पर खुद फैसला ना करें, बल्कि इन टॉप पोस्ट्स पर बैठे लोगों की सैलरी बढ़ाने का जब कभी कोई पे कमीशन फैसला करे, वही कमीशन सांसदों की सैलरी पर भी गौर करे। ज्यादातर सांसदों का मानना है कि खर्च और महंगाई बढऩे के कारण सैलरी बढ़ाने की जरूरत है। पिछले दिनों राज्यसभा में सपा मेंबर नरेश अग्रवाल ने यह मुद्दा उठाया था। कुछ सांसदों का कहना है कि उनकी सैलरी कम से कम कैबिनेट सेक्रेटरी से ज्यादा हो। कुछ की मांग है कि इसे दोगुना किया जाए।
बता दें कि सांसदों की सैलरी और अलाउंस पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के चेयरमैन गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ हैं। उन्होंने केंद्र को इस मुद्दे पर सुझाव दिए थे जो कि फाइनेंस डिपार्टमेंट के पास भेजे गए थे। यह कमेटी न केवल सांसदों की सैलरी, बल्कि उनके फोन बिल, ट्रेवलिंग, डेली अलाउंस, मेडिकल फैसेलिटीज जैसे खर्चों को लेकर भी चर्चा करती है। पार्लियामेंट्री कमेटी ने सांसदों की सैलरी 50 हजार से एक लाख रुपए हर महीने करने की सिफारिश की है। कॉन्स्टिट्यून्सी अलांउस भी 45 हजार से 90 हजार करने की बात कही गई है।