सड़कों पर भीख मांगने से अच्छा है बार में डांस करना – सुप्रीम कोर्ट
मुंबई के डांस बार मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट फटकार लगाते हुए कहा की कोर्ट ने कहा कि बार में डांस करना भीख मांगने से अच्छा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की डांस बार खोलने की राह में राज्य सरकार रोड़ा न बने सुप्रीम कोर्ट ने आज कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने सरकार को कहा की बार में श्लीलता पर रोक लगाने के लिए नियम बनाए इसके आलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा की डांस बार को स्कुल अथवा कॉलेज से तकरीबन 1 किलोमीटर दूर होना चाहिए।
आपको बता दें की कोर्ट ने 19 अप्रैल को मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था| सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा की राज्य सरकार रेगुलेट कर रही है लेकिन उसके मन में डांस बार को प्रतिबंधित करना है। गौरतलब हो की न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने पुलिस को 10 दिनों के भीतर लाइसेंस जारी करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अगर कोर्ट ने सवैधानिक दायरे के मद्दे नजर जो आदेश दिया है उसका पालन करने से राज्य सरकार कैसे कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार को 10 मई को फिर जवाब देने को कहा है। वहीं इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है और सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 115 डांस बार ने पुलिस के निरीक्षण के लिए आमंत्रण नहीं दिया। जिसमें 39 डांस बारों के निरीक्षण में पाया गया कि उन्होंने 26 शर्तों का पालन नहीं किया है। 4 को लाइसेंस दिए गए लेकिन दोबारा जांच के दौरान पाया गया कि उन्हें गलत लाइसेंस जारी हुए, लाइसेंस वापस हुए और पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई हुई। गौरतलब हो की साल 2013 में सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिबंध हटाए जाने के बाद 2014 में महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम में दोबारा इसे लागू करने के सम्बंध में नया प्रावधान लाया गया था।