गोपालगंज

गोपालगंज: कोविड-19 वैक्सीन लगाने के बाद क्यूआर कोड के जरिए मिलेगा लाभार्थियों को सर्टिफिकेट

गोपालगंज: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए टीकाकरण का कार्य किया जाना है। तैयारियां भी लगभग पूरी कर ली गयी है। प्रथम चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जायेगा। इसको लेकर सूची भी तैयार कर ली गयी है। कोरोना टीकाकरण करवाने पर लाभार्थियों को डिजिटल सर्टिफिकेट मिलेगा। पहली खुराक लगवाने के बाद पंजीकृत मोबाइल पर टीका लगने का एसएमएस भेजा जाएगा। 28 दिन बाद दूसरी खुराक लगने पर सर्टिफिकेट के तौर पर क्यूआर कोड मोबाइल पर भेजा जाएगा। इस कोड को स्कैन करने पर उसमें पूरी जानकारी रहेगी। इसमें मरीज का नाम, उम्र, बूथ की जानकारी, पहला और दूसरा टीका कब लगा, यह सब बताया जाएगा। टीका लगवाने वाला इसे डिजिटिल प्रमाण पत्र के तौर पर उपयोग कर सकेगा। देशभर में यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। लाभार्थियों की जानकारी ऑनलाइन भरने के लिए कोविन एप बनाया गया है। टीकाकरण के दौरान मरीज की पूरी जानकारी इस एप पर भरी जाएगी।

सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने बताया टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके बाद भी टीकाकरण केंद्र में किसी को कोई समस्या होती है तो इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम तुरंत पहुंचेगी। हर पांच बूथ को मिलाकर एक सेक्टर बनाया जाएगा। हर सेक्टर के लिए एक सेक्टर मेडिकल ऑफिसर तैनात किया जाएगा। वह अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हर बूथ पर बारी-बारी से जाकर टीका लगवाने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। हर बूथ के कर्मचारियों को कहा गया है कि वह सेक्टर मेडिकल ऑफिसर का नंबर मोबाइल पर फास्ट डायलिंग मोड पर पहले नंबर पर रखें।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि टीका लगवाने के बाद भी मास्क पहनना जरूरी होगा। इसके अलावा सैनिटाइजर का प्रयोग और 6 फुट की दूरी का पालन जीवन का हिस्सा बना रहेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार टीके से आप वायरस के प्रति सुरक्षित हो सकते हैं लेकिन अगर आप में वायरस है तो दूसरा व्यक्ति आपसे जरूर संक्रमित हो सकता है। इस बात को ध्यान में रखकर सभी तरह की सावधानियों का पालन करना होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीका लगने के गंभीर दुष्प्रभाव हैं जिस से बचना मुश्किल है? इस सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि हर टीके का कुछ दुष्प्रभाव होता है। इसका मतलब है कि सही पर टीके का असर हो रहा है। आमतौर परजहां इंजेक्शन लगा है वहां दर्द महसूस हो सकता है। हल्का बुखार या थकान हो सकती है। कोई अन्य लक्षण है तो उसका उपचार संभव है। कोई भी टीका 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं होता है। परीक्षण में 60 से 95 प्रतिशत असरदार है तो भी वह कारगर है। कोरोना के जिन टीमों को अनुमति मिली है उसके परीक्षण में सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को हल्की तकलीफ देखने को मिली है।

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