गोपालगंज सदर अस्पताल में बूढी माँ के इलाज के लिए गोद में उठाकर इधर उधर भटक रहे है परिजन
गोपालगंज सदर अस्पताल में जहा हर तरफ कुव्यवस्था का आलम है। वही यहाँ इलाज कराने आए मरीजो को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। ताकि वे इलाज के अभाव में खुद थक हारकर या तो नए निजी क्लिनिक में चले जाए या फिर वे इलाज कराने के लिए घंटो इंतजार करते रहे। यहाँ गंभीर मरीजो को इमरजेंसी वार्ड में भी भर्ती कराने के लिए मरीज के परिजनों को खुद गोद में टांगकर मरीज को इमरजेंसी वार्ड में लाया जाता है। जबकि सरकार और अस्पताल प्रबंधन मरीजो की सुविधाओ के लिए हर साल लाखो रूपये खर्च करता है।
ताजा मामला कन्हैया साह का है। कन्हैया साह की 70 वर्षीय माँ सोने के दौरान चौकी से गिर गयी। जिसकी वजह से उनका पैर टूट गया। चलने में असमर्थ माँ को इलाज के लिए कन्हैया साह टेम्पू से सदर अस्पताल में पहुचे। लेकिन यहाँ अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से उन्हें स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराया जा सका। जिसकी वजह से अपनी बुजुर्ग माँ को उन्हें गोद में उठाकर ही सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया। यहाँ से उन्हें एक्सरे के लिए एक्सरे वार्ड भेजा गया। वहा भी उन्हें स्ट्रेचर नहीं दिया गया। लिहाजा कन्हैया साह को अपनी बूढी माँ के इलाज के लिए कई घंटे तक ऐसे ही गोद में उठाकर इधर उधर कई घंटे तक भटकना पड़ा।
कन्हैया साह का यह कोई पहला मामला नहीं है। यहाँ इलाज कराने आये अधिकतर मरीज को इलाज से पूर्व डिजिटल एक्सरे के लिए एक्सरे वार्ड भेजा जाता है। लेकिन वहा तकनिकी स्टाफ के नहीं रहने की वजह से मरीजो को बिना इलाज कराये ही निजी क्लिनिक में जाना पड़ता है।
बता दे की कल गुरुवार को भी सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से इलाज के अभाव में सडक दुर्घटना में घायल महिला की दो घंटे बाद मौत हो गयी थी। जिसको लेकर कई अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा और तोड़फोड़ हुआ। जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
वही इस मामले में सीएस डॉ टीएन सिंह का कहना है की लापरवाही के लिए एक्सरे तकनीशियन से शो कॉज किया गया है।