बिहार

शराबियों ने ईजाद की नशा करने का नया तरीका

बिहार सरकार द्वारा पूर्ण शराबबंदी लागू करने के बाद बेचैन शराबियों ने अब नशा करने के लिए नया रास्ता अख्तियार कर लिया है. शराबी अब तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाले मुहावरे को चरितार्थ कर रहे हैं. शराबियों ने होमियोपैथिक दवा से नशा करने का नया तरीका ईजाद कर लिया है.

शराबी अब एस बी एल कंपनी निर्मित होमियोपैथिक मेडिसीन एवियेना सटाईवा का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं. शराबियों द्वारा उपयोग में लाये जाने के कारण बाजार में इस दवा की मांग बढ़ गयी है. नशे के लिए शराबियों द्वारा सेवन किये जाने वाले इस दवा के बारे में पुछे जाने पर जिले के प्रसिद्ध होमियो चिकित्सक डा. राजेन्द्र सिंह ने डेली बिहार न्यूज को बताया कि वैसे तो होमियोपैथ के सभी डाईलोशन दवाओं में अलकोहल रहता है. अलकोहल के बगैर दवा तैयार नहीं की जा सकती है. परंतु शराबी लोग नशे के लिए जिस दवा को ले रहे हैं उसमें कुछ ऐसे तत्व हैं जो ओवरडोज दवा लेने के बाद शरीर के नर्वस सिस्टम में जाकर बहुत जल्द अपना असर दिखाता है फलत: व्यक्ति इस दवा के अधिक सेवन के तुरंत बाद नशे में झूमने लगता है.

उन्होंने बताया कि मूल रुप से यह दवा बलबर्द्धक एवं कामशक्ति को बढाता है. यह मानव शरीर को पुष्ट करता है तथा निद्रा रोग में भी कारगर है. मानव शरीर के स्नायु तंत्र पर बहुत जल्द असर करने वाली यह दवा शराब के लगातार सेवन से होने वाले स्नायु रोगों की महाऔषधि है. इस दवा के मात्रा में सेवन से नशेड़ी को नशामुक्त किया जा सकता है. दवा की विशेषता को परिभाषित करते हुए डा. सिंह ने कहा कि जो अस्वस्थ को स्वस्थ तथा स्वस्थ को अस्वस्थ कर दे वही दवा है. खैर जो हो अब देखना यह है कि शराबियों द्वारा नशे के लिए की गयी इस नई खोज को बिहार सरकार और उत्पाद विभाग गंभीरता से लेता है या नहीं.

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