गोपालगंज: जब सत्ता की जाने की बारी आती है तब सत्ता का आतंक बढ़ जाता है – उपेन्द्र कुशवाहा
गोपालगंज: सीएम नीतीश कुमार के द्वारा दिवंगत समाजवादी नेता जोर्ज फर्नांडिस को याद करना उनकी मूर्ति का अनावरण करना बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है। उन्होंने भी जोर्ज साहब को ट्विटर हैंडल के माध्यम से नमन किया है। लेकिन सीएम नीतीश कुमार के द्वारा जिस तरह से जोर्ज साहब का मूर्ति का अनावरण करना कही न कही राजनितिक कार्यक्रम था। मुख्यमंत्री को राजनितिक कार्यक्रम करने की छुट है। जबकि उन्हें गोपालगंज में पीड़ित जेपी यादव के परिजनों से मिलने से रोक देना कहा तक उचित है। उन्होंने कहा जब सत्ता को जाने की बारी आती है तब सत्ता का आतंक बढ़ जाता है। सत्ता में बैठे लोगो की वजह से ही उनके मूवमेंट को रोक दिया गया। इतिहास बताता है की आज सत्ता का आतंक नीतीश कुमार जी ने चरम पर पंहुचा दिया है। अब उनकी बारी है जाने की इस बात का संकेत मिलने लगा है। अपराधियो से डरने की बात नहीं है। लोग डटकर मुकाबला करे। वे लोगो के साथ है।
जब उपेन्द्र कुशवाहा से पूछा गया की बिहार में चुनाव होने वाले है तब उपेन्द्र कुशवाहा ने महागठबंधन के दलों के बैठक कर एक समन्वय समिति बनाने की बात की थी तब तेजस्वी ने इसका विरोध किया था। इस सवाल के जवाब में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा की किसी ने विरोध किया था, ऐसा नहीं है। हां अंतिम रूप से इसपर निर्णय नहीं हुआ था। जब 5 लोग बैठते है तब किसी बात पर थोड़ी अड़चन होती है। ये कोई गंभीर मामला नहीं था। इस पर बहुत गौर करने की जरुरत नहीं है। सबकुछ ठीक ठाक है। थोड़ी बहुत कुछ है भी तो उसे ठीक ठाक कर लिया जायेगा।
उपेन्द्र कुशवाहा से सवाल किया गया की आज के दौर में बीजेपी और जदयू डिजिटल माध्यम से प्रचार प्रसार कर रहे है। लेकिन महागठबंधन के नेता इसमें पिछड़ रहे है। इस सवाल के जवाब में उपेन्द्र ने कहा की ऐसी कोई बात नहीं है। आज सत्ता की ताकत उनलोगों के पास है। उनके पास संसाधन है, पैसा है। उसका इस्तेमाल लेकर वे बढ़त ले सकते है। इससे वे इंकार नहीं कर सकते। लेकिन उनके पास भी वर्कर्स है। वे भी अपने वर्कर्स के माध्यम से इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से जनता तक पहुच रहे है। सत्ता में बैठे लोग पेड स्टाफ के माध्यम से जनता के पास पहुच रहे है। वेतनभोगी लोग है। लेकिन इसके बावजूद उनके लोग हर मोर्चे पर दो दो हाथ करने को तैयार है।