गोपालगंज: सीएम के आदेश पर जिला में दोबारा गेहू की फसल के नुकसान का किया जा रहा है आकलन
गोपालगंज में कोरोना लॉक डाउन की वजह से गेहू की फसल को जहा ज्यादा नुकसान हुआ। वही बेमौसम कई बार बारिश और ओलावृष्टि ने भी किसानो की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। यहाँ जिले में अच्छी और बम्पर पैदावार होने के बावजूद इस बार भी किसानो को मायूसी ही हाथ लगी है। जिला कृषि विभाग के द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक इस बार जिले में बम्पर 97 हजार हेक्टेयर में गेहू की खेती हुई थी। रबी खी फसल सूखे की भेट चढ़ गयी। जबकि जिले के कई इलाके में बाढ़ की पानी से भी धान की फसल बर्बाद हो गयी। किसानो को उम्मीद थी की खरीफ की अच्छी फसल होगी। जिससे वे अपने नुकसान का भरपाई कर लेंगे। लेकिन जब खेतो में गेहू की फसल पककर तैयार हो गयी। तभी देश में कोरोना महामारी को लेकर लॉक डाउन की घोषणा कर दी गयी। लॉक डाउन की वजह से गेहू की फसल समय पर कट नहीं पायी।
खेतो में खड़ी फसल को तब ज्यादा नुकसान हुआ जब मार्च, अप्रैल और मई महीने में कई बार बारिश हुई और ओलावृष्टि भी हुई। बारिश और ओलावृष्टि से खेतो में खड़ी गेहू की फसल पानी में डूब गयी। जो फसल खड़ी थी उसके भी दाने काले पड़ गए।
जिला कृषि पदाधिकारी वेदनारायण सिंह के मुताबिक जिले में 97 हजार हेक्टेयर में गेहू की खेती हुई थी। लेकिन बारिश और ओलावृष्टि से जिले की करीब 20 हजार हेक्टेयर में खड़ी गेहू की फसल का नुकसान का आकलन किया गया है। जहा 33 फीसदी से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
जिला कृषि पदाधिकारी के मुताबिक मई महीने में भी कई बार बारिश हुई है। लिहाजा अब जिले में दोबारा गेहू की फसल के नुकसान का आकलन किया जा रहा है। यह रिपोर्ट सरकार के पास दी जाएगी। जिसके आधार पर किसानो को उनके नुकसान का मुआवजा मिल सकेगा।
दरअसल गोपालगंज के जदयू सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने सीएम नीतीश से विडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कहा था की जिले में करीब 50 से 55 फीसदी गेहू की फसल बारिश और लॉक डाउन की वजह से बर्बाद हो गयी। सांसद के द्वारा सवाल उठाने के बाद सीएम ने जिला कृषि विभाग की रिपोर्ट को दोबारा जाँच कर सही करने का आदेश दिया था।