गोपालगंज: ग्रामीण लॉकडाउन का सही से नहीं कर रहे है पालन, सोशल डिस्टेंस का नहीं रख रहे है ख्याल
गोपालगंज: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश भर में लॉकडाउन की घोषणा किया गया है। परंतु किसी-किसी स्थान पर लोग लॉकडाउन को तोड़ने दिख रहे है। वही गांव में भी अक्सर देखा जा रहा है कि ग्रामीण लॉकडाउन का सही से पालन नहीं कर रहे है। गांवो में बहुत लोग अभी भी आम दिनों की तरह ही रह रहे है। गांव में अभी भी एक-दूसरे से खैनी बनवाकर खाना जैसी गतिविधियों को कर रहे है। वही गांव में सोशल डिस्टेंसिंग को भी बहुत लोग फॉलो नहीं कर रहे है। अभी भी एक-साथ कुछ लोगों का बैठकर बात करना या खेलना-कूदना जैसा कार्य कर रहे है। ऐसी परिस्थितियों में सवाल यह उठता है कि ऐसे में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है? सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करेंगे तो कोरोना वायरस के चेन को हम कैसे तोड़ सकेंगे ?
आपको बता दे कि लॉक डाउन को तोड़ने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है। उनलोगों पर धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है जिसमे लॉक डाउन तोड़ने वालों को जेल हो सकती है। कोरोन वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र माध्यम है लेकिन समस्या ये है कि लोग इसका उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे है, जिसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन सख्त रवैया अपना रही है। सूत्रों के मुताबिक लॉक डाउन के उल्लंघन करने वालो पर पुलिस प्रशासन ड्रोन कैमरे के माध्यम से नजर रखेगी।
आपको यह भी बता दे कि शनिवार को बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलों के डीएम – एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत किया है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर बेवजह बाहर निकलता है तो पुलिस उनके खिलाफ मामला दर्ज करेगी।