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पनामा पेपर्स लीक: दो सौ देशों की बड़ी हस्तियों के नाम टैक्स चोरी में

पनामा पेपर्स लीक से पूरी दुनिया में हड़कंप सा मच गया है। इस पेपर्स में करीब दो सौ देशों की बड़ी हस्तियों के नामों का खुलासा होने के बाद अब इनकी साख बचाने की कवायद भी शुरू हो गई है। चीन में राष्ट्रपति, पोलित ब्यूरो के आठ सदस्यों के नाम आने के बाद इस मामले की जांच करने वाली संस्था आईसीआईटी (इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इनवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट) की साइट पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अधिकृत तौर पर कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई।

पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, रूस, न्यूजीलैंड, उक्रेन, ब्राजील, नार्वे, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, फ्रांस व अन्य देशों की तरफ से भी सूची में शामिल नेताओं के बचाव के साथ जांच कार्य आरंभ करने की बात भी कही गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार ने कहा कि पनामा में उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। कंपनी हमारी है, अपार्टमेंट्स भी। उनके पुत्र हुसैन नवाज ने कहा कि मोसेक फोंसेका से मिल कर हमने ऐसा कुछ नहीं किया जो नियम विरुद्ध हो।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून की प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया व्यक्त करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह निजी मामला है। पनामा पेपर्स में कैमरून के पिता का नाम आया है। रूस ने पनामा पेपर्स लीक की कड़ी आलोचना की है। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि दस्तावेजों के विश्लेषण में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व अधिकारियों की मदद ली गई और रूस तथा राष्ट्रपति पुतिन को निशाना बनाया गया। प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव का नाम भी सूची में शामिल है।

ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रपति फ्रांसियोस हॉलैंड ने कहा कि ऑफशोर डीलिंग में आस्ट्रेलिया के जिन लोगों, संगठनों के नाम आए उनकी कानूनी जांच करवाई जाएगी।

उक्रेन के महाधिवक्ता कार्यालय के अनुसार ऐसा कोई प्रमाण नहीं दिखाई दिया कि राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंको ने गलत तरीके से ऑफशोर असेट्स खड़े किए हों। आइसलैंड के प्रधानमंत्री से विपक्ष ने इस्तीफा मांगा है। ऑस्ट्रिया, नार्वे, स्वीडन ने कहा है कि वित्तीय संस्थाओं, निजी व्यक्तियों, संगठनों की विशेष जांच करवाई जाएगी।

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