बिहार

कब्र से जीवित निकली बच्ची, अब मौत के बाद भी देवी मान हो रही पूजा

विज्ञान और तकनिकी श्रेष्ठता के इस युग में नालंदा के एक गांव में विचित्र बच्ची का जन्म हुआ। जन्म के पांच दिनों बाद उसकी तबियत खराब हुई। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। माता-पिता ने भी उसे दफना दिया। लेकिन, दफनाने के करीब छह घंटे बाद मां की जिद पर उसे फिर निकाला गया तो सांसें चलती पाई गईं। रविवार को बच्ची की फिर मौत हो गई, लेकिन ग्रामीण मां काली का रूप मानकर उसकी पूजा कर रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार मां काली “समाधि” में हैं।

नालंदा के ननसुत बिगहा गांव के रहने वाले राजू कुमार की पत्नी सिंधु देवी ने पांच दिनों पहले नवादा के एक निजी अस्पताल में एक विचित्र बच्ची को जन्म दिया था। शनिवार को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद बच्ची को गांव लाकर दफन कर दिया गया।
बच्ची को दफन करने के बाद उसकी मां जिद पर अड़ गई कि वह जिंदा है, उसे बाहर निकालो। करीब छह घंटे बाद मां की जिद पर बच्ची को बाहर निकाला गया तो वह सच में जिंदा मिली। बच्ची की सांसें चलती देख ग्रामीणों ने उसे देवी का रूप मान लिया।

ग्रामीण कब्र से जीवित निकली बच्ची को बैठाकर उसकी पूजा करने लगे। इस बीच रविवार को उसकी फिर मौत हो चुकी है, लेकिन पूजा लगातार जारी है। ग्रामीण कह रहे हैं कि बच्ची मां काली का रूप है, जो समाधि में चली गई है।

बच्ची के दर्शन करने आने वालों का तांता लगा हुआ है। कई स्थानीय जनप्रतिनिधि भी बच्ची को देखने पहुंचे। जिस कब्र से बच्ची को निकाला गया था, वहां ग्रामीणों ने अब मंदिर बनाने का फैसला किया है।

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