गोपालगंज के मेहनदिया नाव हादसे के बाद बुझ गए कई घरों के चिराग, निडाल हो रही है बूढी माँ
गोपालगंज में शनिवार को भयंकर नाव हादसा हुआ। उस नाव में 12 लोग सवार थे। 4 लोग तो तैरकर किसी तरह से किनारे पर पहुच गए। लेकिन 8 लोग नदी के तेज़ बहाव में बह गए। उसी दिन एक महिला का शव बाहर निकल लिया गया था। वहीं 48 घंटे बाद आज एक 15 वर्षीय लापता छात्र का भी शव बरामद हुआ है। लेकिन करीब आधा दर्जन लोग अब भी लापता है। यादोपुर के कोटवा गाव में चारो तरह मातम पसरा हुआ है।
रो रो कर निढाल होती कभी दौड़ती और फिर धडाम से गिर जाती, ना चोट की चिंता ना कपड़ो की फ़िक्र ये वो बदनसीब माँ है जिसने शनिवार को हुए नाव हादसे में अपने कलेजे के टुकड़े को खोया है। अभी जैसे कल ही की तो बात है 12 साल का रोहित घर से हँसते खेलते निकला था लेकिन फिर आई नाव हादसे में डूबने की खबर जिसके बाद से इस बदनसीब माँ का रो रो कर बुरा हाल है।
अब रोती बिलखती एक और माँ को देखिये ये अपनी आँखों से देख नही सकती, हाथ और पाँव काम नहीं करता, बुढापे का एक मात्र साहारा था हरिलाल। लेकिन वो भी नाव हादसे की भेट चढ़ गया। अब ये माँ उस वक़्त को कोस रही है जब उसने अपने बेटे को मजदूरी करने के लिए नदी के उस पार भेजा था। आज भी वो उस बात को याद कर बिलख उठती है जब जाने से पहले उसके लाल ने खाना बनाने की तैयारी कर जाते हुए कहाँ था की माँ मैं वापस लौट के आऊंगा तो पहले तुम्हे नहलाऊंगा फिर तुम्हारे लिया खाना बना कर तुम्हे खिलाऊंगा।
हादसे के बाद से कोटवा गाव में हर तरफ़ चीख पुकार मची है। किसी का बेटा लापता है तो किसी की माँ, किसी का पिता गायब है तो किसी की बहन। हादसे के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी लोग नदी किनारे खड़े होकर टकटकी लगाये हुए है इस उम्मीद के साथ की शायद कोई जिंदा बहार निकल आये।