गोपालगंज: सारंगीवादक उस्ताद कमाल साबरी का हुआ भव्य स्वागत, सैनिक स्कूल में किया कार्यक्रम
गोपालगंज: सानिया घराने के मशहूर सारंगीवादक उस्ताद कमाल साबरी का हथुआ सैनिक स्कूल के प्रांगण में संध्या में आयोजित भव्य कार्यक्रम में स्वागत किया गया। साबरी ने अपने एक दिवसीय संध्या में आयोजित कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देकर लोगों का मन मुग्ध कर दिया। उस्ताद कमाल साबरी के सैनिक स्कूल पहुंचने पर प्राचार्य कर्नल टी चक्रवर्ती ने भव्य स्वगात किया। इसके बाद मुख्य अतिथि के तौर पर साबरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत किया। इसके बाद साबरी अपने सारंग की दुनिया मे दर्शकों को ऐसे डुबाये कि देर रात तक तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा महफिल झूम उठा। इनकी सारंगी की धुन के चाहने वालों को जैसे जैसे जानकारी हुई वैसे ही लोग एक झलक पाने को बेताब दिखे। सानिया घराने के सातवी पीढ़ी के सारंगीवादक साबरी पूरी दुनिया मे शास्त्रीयवाद के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को बिखेर चुके है। इनके संगीत का लोहा स्विट्जरलैंड, इटली, हॉलैंड, बेल्जियम, नॉर्वे, जापान सहित कई अन्य देशों ने इनके संगीत को सराहा है।
उस्ताद कमाल साबरी का स्वागत करते हुए प्राचार्य ने कहा कि सैन्य छात्रों में परम्परागत विरासतों की समझ का निर्माण दरअसल उनके व्यक्तित्व निर्माण का ही एक हिस्सा है। ऐसे कार्यक्रमों में सैन्य छात्रों के अंदर निपुणता का भाव जागृत होता है। इसलिए सैन्य छात्रों को गीत संगीत की दुनिया मे भी कार्य करने का मौका मिलता है। ऐसे में सैनिक स्कूल गोपालगंज समय समय पर इस तरह के आयोजन करते रहता है। प्राचार्य ने साबरी का आभार प्रकट करते हुए यह भी कहा कि एक निवेदन पर कोई निमंत्रण पत्र स्वीकार करले वे महान होते है। आपने सारंगी के क्षेत्र में सैनिक स्कूल के सैन्य छात्रों का भाव जागृत किया इसके लिए स्कूल परिवार आपका आभारी है।
वही उस्ताद ने अपने कार्यक्रम में कहा कि संगीत की दुनिया बहुत विशाल है और भारत का सांस्कृतिक परिदृश्य बहुत समृद्ध भी रहा है। मैं संगीत की दुनिया को सबसे पाक चीज मानता हुनर सारंगी के द्वारा अपनी रूह में हिंदुस्तानी संगीत की विरासत को महशुस करता हूँ। उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षेत्र संगीत की दुनिया के वैसे महान हस्ती का है जिसको संगीत का जादू की उपमा दी गई है वे है महान संगीतकार चित्रगुप्त। वैसे सख्शियत को मैं नमन करता हूँ।
इस मौके पर उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल डीएस महलावत, रजिस्टार जुल्फकार हसन सहित सभी कैडेट, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी आदि थे।