उतराखंड में राष्ट्रपति शासन पर हाईकोर्ट की रोक, रावत के पास 31 मार्च को बहुमत साबित करने का मौका
आज मंगलवार को नैनीताल हाइकोर्ट में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने उतराखंड में राष्ट्रपति शासन पर रोक लगा दी है और मुख्यमंत्री हरीश रावत को अब 31 मार्च को बहुमत साबित करना होगा। साथ ही हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के 9 बागी विधायकों को भी वोटिंग का अधिकार दे दिया है। कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले की पैरवी की।
31 मार्च को सदन में हाईकोर्ट का आब्जर्वर नियुक्त होगा, मान्यता रद्द विधायकों के वोट अलग रहेंगे। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी बोले, मुख्यमंत्री की मांग अदालत ने मानी, हमने फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। स्पीकर का फैसला चला, बस तारीख बदली।
उत्तराखंड में 71 विधायकों में 36 कांग्रेस के विधायक हैं। इनमें से 9 बागी हो गए हैं। 27 विधायक बीजेपी के हैं। एक विधायक बीजेपी से निष्कासित है। तीन निर्दलीय विधायक हैं। 2 बीएसपी के विधायक हैं। एक उत्तराखंड क्रांति दल का विधायक है।
हरीश रावत ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और अपने साथ 34 विधायक होने का दावा किया था। अपने दावे को पुख़्ता करने के लिए रावत ने विधायकों की साइन की हुई चिट्ठी भी सौंपी थी।
हाई कोर्ट के इस फैसले को जहां कांग्रेस इसे अपनी जीत बता रही है उसी के साथ BJP खेमा इस बात से खुश है कि बागी विधायकों को भी वोट का अधिकार मिल गया है।