गोपालगंज

गोपालगंज: संतुलित जीवन-शैली स्ट्रोक में लाता है कमी, मृत्यु के कारणों में स्ट्रोक सबसे बड़ी दूसरी वजह

गोपालगंज: विश्व स्ट्रोक(आघात) दिवस पर आम लोगों को मंगलावर को जागरूक किया गया। इसको लेकर जिला अस्पताल सहित अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों ने मरीजों को स्ट्रोक के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्हें स्ट्रोक से बचाव के बारे में जागरूक भी किया गया। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया स्ट्रोक के उपचार की जगह इससे बचाव पर अधिक बल देने की जरूरत है। स्ट्रोक आने पर दिमाग में खून की सप्लाई रुक जाती है। इससे ब्रेन सेल्स को काफी नुकसान पहुंचता है एवं कभी-कभी तो ब्रेन सेल्स मर भी जाते है। जिससे पैरालिसिस एवं गंभीर स्थिति में मृत्यु भी हो सकती है। अत्यधिक ध्रुम-पान, शराब का सेवन एवं ख़राब जीवन-शैली स्ट्रोक के कारण होते हैं। संतुलित जीवन-शैली को अपनाकर स्ट्रोक जैसे गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। विगत कुछ सालों में नव-युवक भी स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। किशोरवस्था बदलाव का समय होता है जिसमें शारीरिक एवं मानसिक विकास काफ़ी तेजी से होता है। इस दौरान ख़राब जीवन-शैली, ध्रुम-पान एवं शराब सेवन जैसी आदतों से बचने की जरूरत होती है। बेहतर जीवन-शैली एवं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है।

मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण: स्ट्रोक(आघात) से कोई भी किसी भी समय पीड़ित हो सकता है। विश्व स्ट्रोक संस्थान के अनुसार स्ट्रोक मृत्यु के कारणों में दूसरा सबसे बड़ा कारण है। विश्व भर में लगभग एक साल में लगभग 1.45 करोड़ लोग स्ट्रोक से ग्रसित होते हैं, जिसमें लगभग 55 लाख लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है। विश्व भर में लगभग 8 करोड़ लोगों स्ट्रोक से जंग जीती है। 90 प्रतिशत स्ट्रोक के मामलों में बचाव संभव है। बेहतर जीवन-शैली एवं शराब सेवन से दूरी बनाकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है।

शुरूआती लक्षणों से बचाव में आसानी: स्ट्रोक एक जटिल मेडिकल समस्या है। लेकिन स्ट्रोक के शुरूआती लक्षणों के आधार पर इससे बचाव संभव है।

  • चेहरा: चेहरे का एक तरफ मुड़ने लगना
  • बाँह : किसी एक बाँह में दर्द का होना
  • आवाज: आवाज लड़खाड़ने लगना या बोलने में तकलीफ होना

यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें तब तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए.

स्ट्रोक के प्रकार: इस्केमिक स्ट्रोक: यह स्ट्रोक मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाले रक्त वाहिका में बाधा के परिणामस्वरूप होते हैं. रक्त प्रवाह में बाधा रक्त के थक्के के रूप में पैदा कर सकता है, इसे सेरेब्रल थ्रोम्बोसिस कहा जाता है. सेरेब्रल थ्रोम्बोज़ का मुख्य कारण रक्त वाहिकाओं और धमनियों (एथेरोस्क्लेरोसिस) में वसा के जमने से होता है.

रक्तस्रावी स्ट्रोक : रक्तस्रावी स्ट्रोक तब होता है जब एक कमजोर रक्त वाहिका टूट जाती है और मस्तिष्क में खून बहता है। रक्त बहाव आसपास के मस्तिष्क के ऊतकों पर दबाव बनाता है। इससे गंभीरता बढ़ जाती है। यदि सही समय पर चिकित्सकीय सेवा नहीं ली जाए तब यह जानलेवा हो जाता है।

स्ट्रोक से बचाव के उपाय:

  • उच्च एवं अत्यधिक कम रक्त दवाब स्ट्रोक के कारण होते हैं। इसे नियंत्रित रखें
  • अत्यधिक मोटापा को कम करें। शरीर में वसा संग्रहण नहीं होने दें
  • नियमित व्यायाम करें
  • ध्रुम-पान एवं शराब सेवन से परहेज करें
  • अत्यधिक वसा वाले खाने से दूर रहें
  • लक्षण दिखाई देने पर, तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें]

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