गोपालगंज

गोपालगंज के मीरगंज की सड़कें बनी नरक, लोगों में है आक्रोश, प्रतिदिन दुर्घटनाग्रस्त हो रही है वाहने

गोपालगंज के मीरगंज नगर पंचायत की सड़कें मानों झील में तब्दील हो गई है। यदि आप सिवान से मीरगंज आते है तो मानों मीरगंज का मुख्य द्वार नरइनिया से ही आपको झील बनी सड़कें स्वागत करती हुई मिलेगी। दूसरी तरफ गोपालगंज से मीरगंज यदि आप पहुंचते है तो साहू जैन उच्च विद्यालय से ही टूटी व सड़क पर जल जमाव लगी सड़क आपका स्वागत करेगी। यह देखकर मीरगंज नगर पंचायत की विकास की शक्ति और इस विकास को गति देने वाले सफेद पोसो की शक्ति की पहचान आपको मिल जाएगी। नगर में प्रवेश करते ही गढ्ढानुमा सड़क भष्ट्राचार को भी उजागर करता है। आखिर ये सड़कें वरसात में झील में परिवर्तित क्यो होती है। इसपर आज तक न तो सफेदपोसो ने मंथन चिंतन किया और न ही जिला से लेकर अनुमण्डल स्तर के पदाधिकारियों ने। हालात इतनी बदतर हो चुकी है कि सड़क पर प्रतिदिन दो चार वाहने पलट जा रही है। मोटरसाइकिल व साइकिल सवार वाले भी सोचने पर मजबूर है कि आखिर किस रास्ते से सफर करें। आम राहगीरों द्वारा टूटे सड़क को देखकर यह सहसा बोल खड़े हो रहे है कि आखिर नेता लोग क्या कर रहे है। इन राहगीरों को शायद नहीं मालूम कि बिहार के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह का यह नगर पंचायत एक मात्र शहर है जहां से ये महानुभाव प्रतिदिन सरकार का गुणगान गाने इसी रास्ते से निकलते है। लेकिन तनिक भी गिरे हुए राहगीरों पर दया नहीं आती। दया आये भी कैसे क्योकि अभी लोकतंत्र का महा पर्व भी नहीं मानना है। यदि यह पर्व सर पर होता तो शायद इन महानुभाओं की राजनीति इन्ही टूटी हुई सड़को के लिए होती। वैसे सत्ता पाने के बाद लोग छोटी छोटी समस्याओं को भूल जाते है। अबतक दर्जनों वाहन पलटने से कई लोग घायल हो चुके है। यह भी विडम्बना देख लिजिए कि इन टूटी सड़कों पर राह दिखाने के लिए पुलिस तक नहीं लगाई गई है। जबकि एसडीएम और एसडीपीओ की वाहने प्रतिदिन इन टूटी हुई सड़को से गुजरा करती है। इससे यह आप समझ गए होंगे कि पदाधिकारी आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कितना तत्पर्य है। जहां तक सड़क विभाग जो वाहनों को सरपट दौड़ने के लिए सड़क निर्माण करता है। इन टूटी हुई सड़क को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है कि इनकी बनाई हुई सड़कें कितनी मजबूत और टिकाऊ है। वैसे इसके लिए सड़क पर आम लोगों ने आगजनी कर अपनी गुस्से का इजहार किया परन्तु कोई इन आक्रोशित जनता के आक्रोश पर मलहम तक लगाने नहीं पहुंचा। ऐसे अब मीरगंज और इसके आसपास के इलाकों की टूटी सड़कों की मरम्मति राम भरोसे है।

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